उन्नाव। कार्यालय मुख्य चिकित्सा अधिकारी उन्नाव,
विश्व अल्जाइमर दिवस के अवसर पर विकास खंड फतेहपुर 84 के तकिया निगोही वृद्धा आश्रम में मानसिक स्वास्थ्य इकाई जिला चिकित्सालय की टीम डॉ विकास दीक्षित मनोरोग विशेषज्ञ, डॉ गौरव यादव फ्लोरोसिस कंसलटेंट, आशा गौतम क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट, सरस्वती रानी मानसिक सामाजिक कार्यकर्ता, दीपक साहू मॉनिटरिंग ऑफिसर के द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण कैंप का आयोजन किया गया । कैंप में 73 वृद्धजनों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया, जिसमें 46 वृद्ध मानसिक रोग से पीड़ित मिले। चिकित्सकों के द्वारा उन्हें परामर्श व उपचार हेतु निः शुल्क दवा दी गई।
इस अवसर पर मनोरोग विशेषज्ञ, क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट, मानसिक सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा वृद्ध जनों को अल्जाइमर्स एवं डिमेंशिया बीमारी के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।
मनोरोग विशेषज्ञ ने बताया कि आजकल व्यक्ति अव्यवस्थित तनावपूर्ण और भाग-दौड का जीवन जी रहा है, जिसके कारण उसका अव्यवस्थित खान-पान, जीवनशैली तथा शारीरिक व्यायाम का अभाव बढ गया है। इसी कारण याददाश्त् का कम होना व मानसिक तनाव का बढ जाना आम समस्या है।
इसी प्रकार वृद्धावस्था में होने वाली मानसिक बीमारी जिसे अल्जाइमर और डिमेन्शिया के नाम से जाना जाता है। अल्जाइमर बीमारी के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए विश्व स्वास्थ्य सगंठन द्वारा प्रत्येक वर्ष *21 सितम्बर “विश्व अल्जाइमर दिवस“* एवं जिस सप्ताह में यह दिवस पडता है वह सप्ताह राष्ट्रीय डिमेन्शिया जागरूकता सप्ताह के रूप में मनाया जाता है ,जो कि 20 से 26 सितंबर 2021 तक मनाया जा रहा है।
बताया कि अल्जाइमर रोग वृद्धावस्था में होने वाली एक आम बीमारी हो गयी है। यह 60 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों मेें ज्यादा पाया जाता है। अल्जाइमर रोग एक भूलने की बीमारी है। वृद्धजनों में ऐसी बीमारी होने के प्रमुख कारण होते है-
1. 60 वर्ष से अधिक उम्र का होना।
2. अनुवाशिक कारण।
3. सिर पर चोट लगना।
4. किसी गम्भीर बीमारी जैसे- हाई ब्लड प्रेशर, हाई डायबिटीज, हदय सम्बन्धि बीमारी का होना।
5. पारिवारिक तनाव।
*अल्जाइमर रोग के लक्षण* –
1. याददाश्त की कमी।
2. निर्णय न ले पाना।
3. बोलने व लिखने में दिक्कत आना।
4. मूड बार-बार बदलना।
5. जगह व समय याद न आना।
6. दिनचर्या के कार्य गडबड हो जाना।
7. शारीरिक कमी व नींद की कमी।
*अल्जाइमर रोग हो जाने पर क्या करें, क्या न करें-*
1. जितनी जल्दी इस बीमारी के बारे में पता चलेगा, इसका उपचार भी उतना ही आसान होगा।
2. जल्द से जल्द किसी मनोचिकित्सक से सम्पर्क करें एवं उपचार प्रारम्भ कर दें।
3. नियमित रूप से व्यायाम अथवा योग करें।
4. पौष्ठिक एवं सादा भोजन करें।
5. लोगों से मिलते जुलते रहें
6. किसी भी प्रकार के नशीलें पदार्थ के प्रयोग से बचे।
वृद्धा आश्रम तकिया निगोही के जिला समन्वयक श्री पी एन सिंह व उनके सहयोगी उपस्थित रहे तथा कैंप में समुचित व्यवस्था कर सहयोग प्रदान किया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी
उन्नाव