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सास-बेटा-बहू सम्मेलन के जरिये बताये गए छोटे परिवार के बड़े फायदे

20 अक्टूबर तक चलेगा अभियान, स्वास्थ्य उप केन्द्रों पर आयोजित होंगे सम्मेलन
हरदोई। नया गाँव, बारी फतियापुर सहित जनपद के 44 उप केंद्रों पर सोमवार को छोटा परिवार – सुखी परिवार के उद्देश्य के साथ सास – बेटा-बहु सम्मेलन आयोजित हुआ | सम्मेलन में करीब 3000 लोगों ने प्रतिभाग किया | यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सूर्यमणि त्रिपाठी ने दी | उन्होंने बताया- 20 सितम्बर से 20 अक्टूबर के मध्य 432 उप केंद्रों पर यह सम्मेलन आयोजित किये जायेंगे | एक माह के दौरान अलग अलग केन्द्रों पर अलग अलग तारीखों पर यह सम्मेलन आयोजित होंगे | यह सम्मेलन अभियान के तौर पर मनाये जायेंगे |
परिवार नियोजन कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा. सुशील कुमार ने बताया- सम्मेलन में बेटा से आशय सास के बेटे अर्थात प्रतिभाग करने वाली बहू के पति से है। पहले जनपद में सास-बहू सम्मेलन आयोजित किया जाता था | अब इस सम्मेलन में बेटे को शामिल करने का यह उद्देश्य है कि परिवार के सभी निर्णयों में पुरुषों की सहमति सर्वोच्च होती है | परिवार में पुरुषों का निर्णय ही अंतिम निर्णय होता है | इसलिए उन्हें परिवार नियोजन के बारे में जागरूक किया जाये ताकि इस सम्बन्ध में वह सही निर्णय ले सकें |
नोडल अधिकारी ने बताया- प्रत्येक उप केन्द्र पर 10-12 आशा कार्यकर्ता होती हैं | सभी आशा कार्यकर्ताओं को सास-बेटा-बहू सम्मलेन कराना है | इस सम्मेलन में शामिल होने वाले लाभार्थी हैं- नव दम्पति (जिनकी शादी एक साल के भीतर हुयी है) , एक वर्ष में उच्च जोखिम वाली गर्भवती , ऐसी महिलाएं जिन्होंने अब तक परिवार नियोजन नहीं अपनाया है, ऐसे दम्पति जिनके तीन या तीन से अधिक बच्चे हैं और आदर्श दम्पति जिनका पहला बच्चा दो साल बाद और दूसरा बच्चा तीन साल के अंतर पर हुआ हो या दम्पति ने दो साल के बाद परिवार नियोजन का स्थायी साधन अपनाया हो |
जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी प्रेम चंद यादव ने बताया- सम्मेलन में प्रतिभागियों को शगुन किट दी गयी | साथ ही प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया और प्रतियोगिता में अच्छा प्रर्दशन करने वाली महिलाओं को पुरस्कृत भी किया गया | सम्मेलन में कुछ परिवारों को कम और कुछ परिवारों को अधिक गुब्बारे दिए गए , जिनके पास कम गुब्बारे थे वह उन्हें सम्भाल ले रहे थे वहीँ जिन परिवारों के पास अधिक गुबारे उन्हें सँभालने में दिक्कत आ रही थी | इसी खेल के माध्यम से उन्हें छोटे परिवार का सन्देश दिया गया कि जिस परिवार में बच्चे कम होंगे उनकी देखभाल सही तरह से हो सकेगी और जिन परिवारों में बच्चे अधिक होंगे उन्हें दिक्कत आएगी |
श्री यादव ने बताया – यह सभी सम्मेलन कोविड से बचाव के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए आयोजित किये जा रहे हैं |

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