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स्टाफ नर्स वंदना के प्रयासों से गर्भवती ने दिया तीन बेटियों को जन्म

सीएचसी इमलिया सुल्तानपुर में लिखी गई सुरक्षित प्रसव की इबारत
सीतापुर। यह खबर उन लोगों के लिए आईना है, जो स्वास्थ्य विभाग पर आरोप लगाते हुए यह कहते नहीं थकते हैं कि ग्रामीण अंचलों की स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हो चुकी हैं, सीएचसी और पीएचसी पर कोई काम नहीं होता है। जिले के इमलिया सुल्तानपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर गुरुवार की सुबह एक स्टाफ नर्स ने अपने कौशल से बिना किसी विशेषज्ञ की मदद के एक गर्भवती के गर्भ में पल रहीं तीन बेटियों का सुरक्षित प्रसव कराकर एक इतिहास लिखा है।
जिले के इमलिया सुल्तानपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर गुरुवार की सुबह प्रसव पीड़ा से परेशान वेलगवां गांव की माेहिनी पत्नी सुरेंद्र कुमार को भर्ती कराया गया। मोहिनी को लेकर क्षेत्रीय आशा गर्गा देवी सीएचसी पर लेकर आईं थीं। इस स्वास्थ्य केंद्र पर कोई महिला चिकित्सक न होने के बावजूद भी गर्भवती को तुरंत ही प्रसव के लिए भर्ती किया गया। इस दौरान ड्यूटी पर तैनात स्टाफ नर्स वंदना अवस्थी ने प्रसव कराने की जिम्मेदारी उठाई। बात यहीं पर आकर खत्म नहीं हो जाती स्टाफ नर्स वंदना अवस्थी ने बिना किसी विशेषज्ञ की मदद के ही मोहिनी के गर्भ में पल रहे तीनों बच्चों का सुरक्षित प्रसव कराने में सफलता हासिल की। महज दो मिनट के अंदर तीन बच्चों का सफल प्रसव कराने पर सीएचसी अधीक्षक डॉ. कुमार गौरव सहित समस्त स्टाफ ने स्टाफ नर्स वंदना की प्रशंसा की है। स्टाफ नर्स वंदना ने बताया कि माहिनी का पति खेतिहर मजदूर है और उसके एक बेटी पहले से ही है। इस प्रसव के दौरान मोहिनी ने तीन बेटियों को जन्म दिया है। प्रसव के दौरान एएनएम रमा देवी ने स्टाफ नर्स के सहयोगी की भूमिका निभाई। स्टाफ नर्स वंदना ने बताया कि तीनों बेटियों का वजन कम है, इसके बावजूद भी सुरक्षित प्रसव कराया गया है। उन्होंने बताया कि नवजातों में से पहली का वजन 900 ग्राम और दूसरी व तीसरी का वजन 500-500 ग्राम है। बेटियों के कम वजन को देखते हुए उन्हें जिला महिला चिकित्सालय से न्यू बार्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) में भर्ती कराया गया है, जहां पर उनकी सेहत ठीक है। इसके अलावा जच्चा मोहिनी को जिला महिला चिकित्सालय रेफर किया गया है।
सीएचसी अधीक्षक डॉ. कुमार गौरव का कहना है कि स्टाफ नर्स वंदना अवस्थी पिछले सात सालों से इस सीएचसी पर तैनात हैं। उनके इस सराहनीय कार्य के लिए हम सब उन्हें बधाई देते हैं। इस समय जबकि पूरे प्रदेश में बेटियों की सुरक्षा और सम्मान के लिए मिशन शक्ति चलाया जा रहा है, एेसे में एक स्टाफ नर्स ने तीन बेटियों का सुरक्षित प्रसव कराकर सराहनीय कार्य किया है। यह प्रसव सुरक्षित और संस्थागत प्रसव की परिकल्पना में मील का पत्थर साबित होंगे।

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