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बिल्हौर-घाटमपुर न्यायिक क्षेत्राधिकार को मिली मंजूरी

सोमवार के बाद जारी हो जायेगा शासनादेश
कानपुर नगर | विधि व कानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने घाटमपुर तथा बिल्हौर दोनो तहसीलों का न्यायिक क्षेक्षधिकार कानपुर नगर में शामिल करने की अनुमति दे दी है। बिल्हौर और घाअमपरु का प्रशासनिक क्षेत्राधिकार नगर से जुडा है, जबकि न्यायिक क्षेत्राधिकार माती न्यायालय देहात से जोड दिया गया है। इससे दो प्रकार से समस्याये आम वादकारियों को उठानी पड रही थी। अतः प्रस्ताव को मंजूरी दी जा चुकी है और अब सोमवार के बार शासनादेश भी जारी कर दिया जायेगा। ब्ताते चले कि बिल्हौर घाटमपुर न्यायिक क्षेत्राधिकार वापस लाओं संघर्ष समित के सुरेंद्र प्रताप सिंह, अजीत शुक्ल, रवींद्र शर्मा महेंद्र कुमार दीक्षित, शैलेष त्रिवेदी, पीके चतुर्वेदी, अश्वनी आनंद, अनूप शुक्ला, एसके सचान, मो0 कादिर खान, मो0 तौहीद, केके यादव सहित अन्य अधिवक्ताओं ने इसके लिए 23 नवंबर 2013 को लायर्स एसो में बिल्हौर घाटमपुर न्यायिक क्षेत्राधिकार वापस लाओं संधर्ष समिति का गठन किया था और तक से यह आन्दोलन निरन्तर जारी थी। अब 6 वर्ष से आंदोलित अधिवक्ताओं की मेहनत रंग लाई है और अगले सप्ताह शासनादेश भी आ जायेगा। शासनादेश जारी होने के बाद दोनो तहसीलों के मुकदमें माती न्यायालय से कानपुर नगर के न्यायालय में सुने जायेंगे। बताया जाता है कि इस निर्णय से उन लोगो को बडी राहत मिलेगा जो अपने मुकदमें की पैरवी के लिए करीब सौ किमी से ज्यादा की यात्रा करते थे और ऐसे में उनका पैसा तो खर्च होता ही था सारा दिन भी बर्बाद जाता था। वहीं नगर क्षेत्राधिकार में कार्यरत पुलिस कर्मियों को भी परेशानी होती थी जिन्हे चार्जशीट लगाने और गवाही देने के लिए देहात न्यायालय जाना होता था।

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