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महज 24 घंटे में ही उखड गया पैचवर्क

विभागीय अधिकारी और ठेकेदारो की मिलीभगत से लाखो का लग रहा चूना
ग्वालटोली पहले चैराहे से मकबरा चैराहे तक कराया गया पैचवर्क एक दिन में उखडा

कानपुर नगर। सरकारी तंत्र उसमें भी नगर निगम के भ्रष्ट अधिकारी अपने रवैये को नही बदल रहे है। सरकारी की आंखों में धूल झोंक कर कानपुर को सफाई के मामले में एक नम्बर दिखाने की सच्चाई शहर की जनता जानती है तो वहीं अन्य कामों में भी यहां के अधिकारी का खेल रूकने का नाम नही ले रहा है। नगर निगम के अधिकारी सरकारी पैसा हजम करने के लिए नये-नये पैतरो को अपनाते है और विकास तथा निर्माण कार्य में ठेकेदारो से मिली भगत कर सरकारी खजाने को लगातार चूना लगा रहे है। प्रदेश के मुख्यमंत्री के संख्त आदेशो के बाद कानपुर के नगर निगम अधिकारियों पर इसका कोई प्रभाव नही पड रहा है। भ्रष्टाचार में डूबे अधिकारी अपना काम इमानदारी से नही कर रहे है, जिसका एक उदाहरण फिर सामने आया है। कुछ दिनों पहले ही
ग्वालटोली क्षेत्र की सडक का पैचवर्क किया गया था। यह पैचवर्क ग्वालटोली पहले चैराहे से मकबरे चैराहे तक किया गया था, लेकिन यहां भी नगर निगम अधिकारी और ठेकेदारो का खेल सामने आया। पैचवर्क के नाम पर जहां तारकोल का लेप लगाया गया वहीं महज 24 घंटे में ही पैचवर्क उखड गया और रास्ता और भी खतरनाक हो गयी। स्थानीय लोगों की माने तो पहले ही सडक ठीक थी। बतातें चले कि वर्तमान में नगर निगम 12 करोड रू0 से 127 सडकों का निर्माण करा रहा है। अभी तक 60 प्रतिशत काम ही हो सका है लेकिन काम यदि ऐसा ही किया जा रहा है तो कितना रूपया अधिकारी बीच में हजम कर रहे है इसकी निगरानी करने वाला कोई नही है। ग्वालटोली में बनायी गयी सडक कुछ ही घंटो में उखड कर और ज्यादा खतरनाक हो गयी। सडक पर बजरी फैल गयी है और वाहन चालकों को खतरा पैदा हो गया है। लोगों की माने तो गडढो में तारकोल डालकर लेप कर दिया गया है जबकि पैचवर्क से पहले गडढे की सफाई होनी चाहिये फिर गिटटी तथा डेस्ट डाला जाना चाहिये उसके उपर तारकोल लगाना चाहिये लेकिन भ्रष्टाचार के चलते ऐसा कुछ नही हुआ और नतीजा सामने है। इस सम्बन्ध में नगर आयुक्त का हमेशा जैसा बयान यह कि जांच कराई जायेगी और दोषियों पर कार्यवाही की जायेगी।

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