जनता कब तक इन तकलीफों से कब तक गुजरेगी
खैराबाद | खैराबाद के मासूम-मासूम बच्चे, आज तो अपने-अपने मम्मी-पापा का हाथ पकड़ कर कीचड़ से होकर हाथ के सहारे के साथ, आज तो किसी तरह स्कूल तक पहुॅच ही जायेंगे, लेकिन कल तो कोई सहारा नहीं होगा। स्टडी प्वाइंट के लगभग 1800 बच्चे व राजकीय बालिका इण्टर कालेज की छात्रायें व अन्य मोहल्ले के लोग किसी तरह दो वर्ष पूर्व बनी सड़क 6 माह में ही जर्जर हो गयी थी और आज लगभग 2 वर्षाें से गड्डों में मिट्टी व राबिस डालकर रोडों को समतल कर दिया जाता है, लेकिन पानी बरसने के बाद लोग फिसल-फिसल कर गिरतें हैं और लगभग 2 वर्षाें से इसी रास्ते से होकर 6 माह में बनने के बाद जर्जर हो गयी रोड से लोग पीड़ा उठाते हुये गुजर रहे हैं, लेकिन जिम्मेदारों को कहाॅ इसकी परवाह है। इलेक्शन में वोट देने के बाद जनता की फिकर करने वालों की आॅखें जीतने के बाद बन्द हो जाती हैं। कोई भी रोड बिसवाॅ रोड के दक्षिण की ऐसी नहीं है, एक आध रोडों को छोड़कर चाहे वह नई बाजार से खैराबाद सामुदायिक अस्पताल जाने वाली हो या कांजी हाऊस से अतीक चेयरमैन की फैक्ट्री से होकर शराफत जनरल स्टोर वाली रोड को कटरा संगत से मुन्ना बीज वाले की दुकान की रोड तो 15 वर्षोें से पूरी तरह टूटी पड़ी है, कितने लोग चोटिल हो चुके हैं, आज तक नहीं बनीं। फिर चाहे किरमानी फोटोग्राफर से असलम मियां की मजार से होते हुये हलवाईयों तक अनस मियां की मस्जिद से शेख सरायं, कजियारा होते हुये पोस्ट आफिस तक फिर अनस मियां की मस्जिद से वजी मियां के घर से होते हुये सरबत शाह की मजार से होते हुये स्टडी प्वाइंट स्कूल से हबीब खाॅ की आरा मशीन तक कोई रोड ऐसी नहीं है। जिस पर गम्भीर रोगी को जल्दी अस्पताल तक पहुॅचाया जा सके और यही हाल हलवाइयों के घर से नियाजिया स्कूल होते हुये स्टेशन तक तो रोड के क्या कहने माशाल्लाह, पूरे जिले में इतनी अच्छी रोड नहीं होगी। यह रोड तो इतनी अच्छी है कि रोगी रास्ते में ही मर जायेगा। यदि किन्हीं परिस्थितियों में गर्भवती महिला या हार्ट पेशेन्ट को सरकारी अस्पताल या बी0सी0एम0 अस्पताल गदियाना की मस्जिद से होते ललियापुर के रास्ते बी0सी0एम0 अस्पताल यदि ले जाया जाये, तो जच्चा-बच्चा दोनों ही रास्ते में ही मर जायेंगें या प्रसव पीड़ा को बर्दाश्त न करते हुये रासते में ही गड्ढों के कारण रास्ते में ही प्रसव हो जायेगा। जबकि हमारे ही करीब लहरपुर व बिसवाॅ के चेयरमैनों ने अपने क्षेत्र को खैराबाद से 20 साल आगे सही निर्माण कार्य कराकर काफी आगे कर दिया है, क्योंकि दोनों ही चेयरमैन अपने क्षेत्र के निर्माण कार्य पर पूरा ध्यान देते हैं और गुणवत्ता वाला पूरा कार्य कराते हैं। कस्बे के लोगों का दर्द सुनने वाला मौजूदा समय में जिलाधिकारी महोदया, अपर जिलाधिकारी महोदय, सिटी मजिस्ट्रेट महोदय, उपजिलाधिकारी महोदय व नगर पालिका के हेल्थ इंस्पेक्टर के अलावा कोई नहीं है। इन बच्चों का दर्द सुनने वाला कोई नहीं है। मासूम बच्चे व राजकीय बालिका इण्टर कालेज की छात्रायें अपने घरों से स्कूल तक अति जर्जर हो चुके रास्तों के कारण व जरा सी बारिश में कीचड़, जिस तरह गुजरती हैं, वह इस कस्बे के वोटरों के बच्चें ही जानते हैं। कब कौन बच्चा स्कूल वाहन से गड््ढ़ांे के कारण उछल कर गाड़ी के नीचे गिर जाये, कोई पता नहीं है। 6 माह गारन्टी पूरी होने से पहले ही नालियों के पट्टें पीला ईंटा लगने के कारण पहले टूट जाते हैं और 6 माह से पहले गारन्टी पूरी होने नहीं पाती, रोडें बिखर जाती हैं। जनता कब तक इन तकलीफों से कब तक गुजरेगी, केाई कस्बे में इनकी समस्या सुनने वाला नहीं है। जिलाधिकारी महोदया यदि अन्य कस्बों में जिस तरह भ्रमण करती हैं। एक बार खैराबाद की जनता से भी मिलकर उनकी समस्या को यदि सुन लेंगी, तो खैराबाद का विकास जरूर होगा और जनता की परेशानियाॅ भी अगर खत्म नहीं होगीं, तो कम जरूर हो जायेंगी। क्योंकि इस समय पूरा पावर सभी नगर पालिकाओं का जिलाधिकारी और उनके अधीनस्थ अधिकारियों के पास है।