अम्बिकानन्द त्रिपाठी
अयोध्या | रामलला के गर्भगृह में पिछले काफी दिनों से हनुमान जी की खंडित मूर्ति की पूजा की जा रही थी, जो धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अवैध है | रामलला के गर्भगृह में विराजमान हनुमानजी की खंडित प्रतिमा को ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने सरयू नदी में विसर्जित करते हुए नई मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की है. पिछले कई वर्षों से खंडित हनुमान जी की मूर्ति सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन की वजह से बदली नहीं जा सकी थी | बता दें राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने मंदिर निर्माण के निमित्त भगवान रामलला को अस्थाई मंदिर में शिफ्ट करवा दिया था. इसके बाद ही एक नई बात का खुलासा हुआ है कि रामलला के गर्भगृह में पिछले काफी दिनों से हनुमान जी की खंडित मूर्ति की पूजा की जा रही थी, जो धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अवैध है. धार्मिक मान्यताएं हैं कि किसी भी खंडित प्रतिमा की पूजा नहीं की जा सकती| मूर्तिदरअसल, 1992 में अयोध्या विवाद के बाद सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन आई और उसके बाद रामलला के परिसर के समस्त फैसले सुप्रीम कोर्ट के अधीन थे, जिसमें किसी तरीके का कोई बदलाव संभव नहीं था. स्थगन आदेश की वजह से यथास्थिति बरकरार रखी गई थी. रामलला के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास के मुताबिक काफी लंबे समय से 1 फुट की हनुमान की मूर्ति काफी दिनों से खंडित थी. जिसकी पूजा अर्चना हो रही थी. रामलला को नया अस्थाई मंदिर में शिफ्ट करने के दरमियान रामलला के पुजारियों ने इसकी सूचना ट्रस्ट के पदाधिकारियों को दी और ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने हनुमान की खंडित प्रतिमा को सरयू नदी में विसर्जित करते हुए दूसरी प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा रामलला के गर्भ गृह में कराई है. अब हनुमान जी की दूसरी प्रतिमा भगवान राम लला के गर्भगृह में विराजमान की गई है|
पुराने टेंट स्ट्रक्चर को भी हटाया गया
इसके साथ ही और रामलला के गर्भ गृह में लगे तंबू (टेंट) को हटा दिया गया है. पूर्व में रामलला इसी तंबू के नीचे विराजमान थे. रामलला को नया आस्थाई मंदिर में शिफ्ट करने के साथ ही पुराने टेंट स्ट्रक्चर जिसके नीचे पूर्व में रामलला विराजमान थे उसको भी हटा दिया गया है. अब विराजमान रामलला के गर्भ गृह को पूर्ण रूप से खाली करा दिया गया है. कयास लगाया जा रहा है कि लॉकडाउन खोलने के साथ ही जल्दी रामलला के मंदिर का निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया जाएग |