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हरदोई ब्रेकिंग न्यूज

उद्योगपतियों से आगे निकल गए शाहाबाद क्षेत्र के शराब माफिया
शाहाबाद (हरदोई) ०४ जून। हलाल और हराम की कमाई के मामले में इस जिले के शराब सिन्डिकेट सहित आबकारी अधिकारियों ने बड़े-बड़े उद्योगपतियों को पछाड़ दिया है।
आश्चर्य की बात यह है कि शराब के कारण जिले की जनता के स्वास्थ्य पर पडऩे वाले प्रतिकूल प्रभाव के साथ-साथ अन्य कई सामाजिक बुराइयों की चिंता सरकार में बैठे लोगों को रती भर भी कभी नहीं रही। इसीलिए बीते करीब पांच वर्षों से इसी जिले में जमे आबकारी अधिकारी राकेश अग्रवाल व शाहाबाद के आबकारी निरीक्षक अतुल त्रिपाठी मोटी अवैध कमाई के बाद भी संतुष्ट नजर नहीं आ रहे हैं और व्यस्त इतने हैं कि किसी आम नागरिक का ही नहीं अपितु पत्रकारों तक का फोन कभी रिसीव करना जरुरी नहीं समझते। आश्चर्य यह कि एकबार १५ अगस्त २०१६ को बंदी के दिन खुल्लमखुल्ला ब्लैक में बिकी शराब शीर्षक से प्रकाशित खबर के बाद १७ अगस्त १६ को यहां के आबकारी निरीक्षक ने धोखे से एक पत्रकार का फोन तो रिसीव कर लिया लेकिन यह पूछे जाते ही कि अल्लाहपुर चौराहे के देशी शराब व बियर की दुकान का लाइसेंस किसके नाम है तो श्री त्रिपाठी लाइसेंस धारक का नाम बताए बिना ही बहानेबाजी कर कॉल काट दी तथा तत्काल सीधे स बन्धित शराब माफिया को फोन लगाकर सूचना दी, परिणाम स्वरुप उनसे वार्ता के तुरंत बाद स बन्धित शराब माफिया का फोन आ गया और उसने पत्रकार को बहलाने-फुसलाने के साथ ही चेतावनी भी दी। अब सवाल उठता है कि शराब से परिवार बिगड़ते हैं तो बिगड़े, अपराध बढ़ते हैं तो बढ़े। कोई स्थानीय पत्रकार कुछ पूछ दे या खबर प्रकाशित करवा दे तो कोपभाजन बने, लेकिन आबकारी विभाग का इन सब बातों से कुछ लेना-देना नहीं है। अपनी जेबें और सरकारी खजाना भरने के चक्कर में आबकारी विभाग के अधिकारी महापुरुषों की उस नसीहत को अनदेखा कर रहे हैं जिसमें वह कहा करते थे, जो राष्ट्र नशे का शिकार होता है, विनाश उसकी तरफ मुंह बाय खड़ा रहता है।
नशे के खिलाफ तमाम नसीहतें आज भी जगह-जगह पोस्टरों-बैनरों-होॄडग के माध्यम से सामने आ रही हैं लेकिन हो इसके उलट रहा है। आश्चर्य की बात यह है कि यह नशा विरोधी होॄडग और बैनर-पोस्टर भी आबकारी विभाग के अधीन काम कर रहा है। मद्यनिषेध विभाग ही लगाता है ताकि लोग नशे में फंस कर घर बर्बाद न करें। मतलब एक ही विभाग जहां एक तरफ लोगों को अधिक से अधिक शराब पिलाने के चक्कर में अपनी हदें पार कर रहा है तो उसका ही उप-विभाग (मद्य निषेध विभाग) प्रदेश वासियों को नशे से दूर रखने के लिए करोड़ों रुपया विज्ञापन पर खर्च कर रहा है। उत्तर प्रदेश में वाणिज्य कर विभाग के बाद सबसे अधिक सरकारी खजाना आबकारी विभाग के राजस्व से ही भरता है। आबकारी विभाग के नियमों के मुताबिक जिला आबकारी अधिकारी को हर माह पच्चीस फीसदी दुकानों का निरीक्षण करना चाहिए। इस दौरान शराब की जांच के लिए जिला आबकारी अधिकारी और निरीक्षक को विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है। इसी तरह आबकारी निरीक्षक को महीने में एक बार प्रत्येक दुकान का निरीक्षण करना चाहिए, लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है जिस कारण इधर हरियाणा की शराब की बिक्री और मिलावटी शराब का कारोबार खून फल-फूल रहा है। आजकल शाहाबाद में पाली बाईपास और आंझी शाहाबाद स्टेशन रोड की अंग्रेजी शराब की लाइसेंसी दुकानों पर ओवररेटिंग के साथ-साथ नकली/मिलावटी शराब बिक्री की चर्चा नगर में है, ग्राहकों का कहना है कि अंग्रेजी शराब की किसी-किसी अद्धी/बोतल में इतना अधिक पानी मिला दिया जाता है कि नशा होता ही नहीं और कभी-कभी उसमें देशी शराब की मिलावट पाई जाती है, लेकिन जिनके ठेके हैं उनका तो नाम लेना भी अपनी खुलेआम बेइज्जती कराना है। उनसे सेल्समैन तक को बद्तमीजी से बात करते हैं उनके खिलाफ पुलिस भी सुनेगी नहीं क्योंकि सत्ता सरकार भी उन्हीं की है। क्षेत्रीय विधायक भी उन्हीं की कहेंगी। वैसे भी उनसे सब डरते हैं। तभी किसी ने कहा कि कोतवाल से शिकायत करो उन्होंने तो इनकी शराब पकड़कर इनकी नक्शेबाजी निकाल दी तो वह तपाक से बोला कि शराब पकड़े जाने से उनका क्या बिगड़ गया वह भी उनके नौकरों को झेलना पड़ा। अलबत्ता बता दें कि मलिहाबाद कांड में जहरीली शराब से जब कई दर्जन लोगों की मौत हुई थी तो सरकार ने आनन-फानन में आबकारी विभाग के सभी अधिकारियों के ऊपर कार्यवाई करते हुए उनके पद से हटा दिया था। जबकि दूसरी तरफ पुलिस विभाग के सीओ स्तर तक ही कार्यवाई की गई किन्तु जनपद के अधिकारियों की सेहत पर उस दौरान भी उच्च राजनीतिक पकड़ के कारण तरोताजा बनी रही। सूत्र बताते हैं कि इस अवैध कारोबार में पुलिस और आबकारी विभाग की मोटी रकम प्रतिमाह बंधी हुई होती है इसके अलावा भी आबकारी विभाग और शराब माफियाओं के बीच अच्छी खासी सौदेबाजी होती रहती है, यही वजह है कि कभी-कभार आबकारी विभाग की टीम केवल कागजी खानापूॢत करने के लिए छापेमारी करती है जिसका शराब कारोबार के असली धरातल पर कोई फर्क नहीं पड़ता, बात यहीं खत्म नहीं होती है। आबकारी विभाग चाहें तो अवैध एवं मिलावटी शराब का कारोबार करने वालों के खिलाफ पूरी जांच-पड़ताल कर स त कार्यवाही कर सकता है। पुलिस विभाग भी मिलावटी शराब की जांच कराकर कड़ी कानूनी कार्यवाही करने के लिए सक्षम है किन्तु विभाग कहीं भी अवैध शराब पकड़ता है तो उसे एक्साइज की धारा ६०, ६१ और ६२ के तहत कार्यवाई करता है। कच्ची, देशी या फिर विदेशी किसी भी तरह की अवैध मदिरा का व्यवसाय करने वालों के खिलाफ आबकारी विभाग सिर्फ उक्त धाराओं में ही कार्यवाई करता है। यह धाराएं जमानतीय तो होती हैं, अवैध कारोबारियों पर जुर्माना भी नाम मात्र का लगता है। सबसे बड़ी बात यह है कि पुलिस या आबकारी विभाग द्वारा की गई कार्यवाही पर शराब बेंचने वाले सेल्समैन फंसते हैं जो सुबह गिर तार किए जाते हैं तो शाम तक जमानत पर छूट जाते हैं और फिर अपने काम में लग जाते हैं। जैसे इसी कस्बे में हाइवे के किनारे के पुराने लाइसेंसी शराब ठेकों से बरामद अवैध शराब के साथ गिर तार सेल्समैन जमानत पर रिहा हो गए और फिर अपने काम में लग गए। सच्चाई यही है कि अगर इससे भी ज्यादा कुछ हो सकता है तो मात्र छह माह की कैद या जुर्माना हो सकता है उसके लिए इन शराब माफियाओं के पास नौकरों-चाकरों की कमी नहीं है। मोटे अनुमान के अनुसार अवैध शराब की बिक्री से आबकारी विभाग को प्रति वर्ष इसी क्षेत्र से लाखों का नुकसान हो रहा है लेकिन इनके ऊपर अंकुश लगाने वाला अमला गहरी नींद सो रहा है।
अधूरा है सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उद्देश्य
शाहाबाद (हरदोई) ०४ जून। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उद्देश्य इधर वास्तव में इसलिए अधूरा है क्योंकि जहां एक ओर विगत २८ मार्च तक हाइवे के किनारे पुरानी लाइसेंसी शराब ठेके अवैध रुप से संचालित रहे वहीं दूसरी ओर नगर के शाहाबाद पाली बाईपास के किनारे संचालित शराब ठेकों पर शराब पीने वाले ग्राहकों की भी जिंदगी और मौत का कोई भरोसा नहीं है, क्योंकि उपरोक्त बाईपास हाईवे से ही जुड़ा है।
काबिलेगौर है कि नगर के बाईपास पर खुले लाइसेंसी शराब ठेकों पर शराब पीकर बहुत से लोग एक ओर फर्रुखाबाद, कन्नौज, कानपुर आदि अपने गंतव्य की ओर तेजी व लापरवाही से रवाना होते हैं तो दूसरी ओर शाहजहांपुर, बरेली, गाजियाबाद, नोएडा, नई दिल्ली, पुवाया, पीलीभीत, मैलानी, पलिया, गौरीफंटा, नेपाल आदि के लिए शराब पीकर उडऩ छू हो जाते हैं। ऐसी परिस्थितियों में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का उद्देश्य भला कैसे पूरा हो सकता है। अतएव स्मरण रहे कि सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस जेएस खेहर ने कहा था कि सोचिए कि किसी व्यक्ति की सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो जाती है तो उसके परिवार पर क्या बीतती है खासतौर पर मरने वाला व्यक्ति यदि परिवार के लिए रोटी कमाने वाला इकलौता जरिया हो। इसी के साथ हर वर्ष सड़क दुर्घटना में करीब डेढ़ लाख लोगों की मौत पर चिंता जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे से शराब ठेके हटाने का आदेश दिया था। इसलिए यहां के बाईपास पर संचालित शराब ठेकों पर शराब पीने वाले ग्राहकों का शराब पीकर दूरस्थ जिलों के लिए निकल जाना सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार अब भी चिंताजनक है।
एसडीएम और एसएचओ की सक्रियता भी सोचनीय
शाहाबाद (हरदोई) ०४ जून। अवैध शराब की तस्करी एवं बिक्री रोकने के लिए भले ही शाहाबाद के उप जिलाधिकारी ज्ञान प्रकाश यादव और प्रभारी निरीक्षक विनोद कुमार सिंह काफी सक्रिय हैं किन्तु इन दोनों अधिकारियों की सक्रियता कच्ची शराब के मामूली कारोबारियों तक ही सीमित प्रतीत हो रही है। हालांकि जबसे सत्ता के मद में चूर नगर के बड़े शराब माफिया के बिना लाइसेंसी ठेकों पर बिक रही शराब स्थानीय कोतवाल श्री सिंह ने छापा मारकर बरामद की है जब से बहुत से आम नागरिकों सहित शराब के शौकीन उनकी दबी जुबान सराहना कर रहे हैं और आगे भी ऐसी ही किसी कार्यवाही के प्रति आशान्वित हैं।
१० ली० कच्ची शराब सहित महिला बंदी
शाहाबाद (हरदोई) ०४ जून। स्थानीय पुलिस ने कच्ची शराब के खिलाफ चलाये जा रहे अभियान के अन्तर्गत शनिवार को कांशीराम कालोनी निवासी प्रीति पत्नी मनोज के कब्जे से १० ली० कच्ची शराब बरामद की है। पुलिस ने मुखबिर से मिली जानकारी के आधार पर प्रीति के घर छापा मारा जहां से उसे अवैध शराब बरामद हुई। महिला के खिलाफ कार्यवाई की जा रही है।
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कार्यशाला में दीं विभिन्न विधाओं की जानकारियां
हरदोई ०४ जून। अन्तध्र्वनि महिला विंग के तत्वावधान में रविवार से दस दिवसीय कत्थक नृत्य, पश्चिमी नृत्य, थियेटर, क प्यूटर, ड्राइंग, पेंटिंग, क्रा ट, क प्यूटर कार्यशाला का आयोजन अन्तध्र्वनि कार्यालय पर किया गया।
सुबह शुरु हुई कत्थक कार्यशाला में प्रतिभागियों को तीन ताल व तोड़े की जानकारी दी गई। उसके बाद पश्चिमी नृत्य कार्यशाला में नृत्य के उद्भव की जानकारी के साथ-साथ वर्कआउट व फिल्मी गानों पर अ यास कराया गया। ड्राइंग, पेंटिंग कार्यशाला में प्राइमरी वर्ग को कप-प्लेट की स्केचिंग व सीनियर वर्ग को प्रकृति आधारित आकृतियां बनाना सिखाया गया। क्रा ट की कार्यशाला में बच्चों ने प्रार िभक जानकारी से अवगत कराया गया। शाम को हुई थियेटर कार्यशाला में थियेटर के उद्भव व एकाग्रता आधारित अ यास कराया गया। कार्यशाला में अराहमा, अरुषा, आफरीन, अनुष्का, रक्षा, हिमा, आदित्य, सोमल, चिराग, चाहत, अगस्त्य, अनाहिता, चिंतन, मशी, प्रतीक, रिया, आयुषी ने प्रतिभाग किया। प्रशिक्षकों के तौर पर कुलदीप द्विवेदी, शैलेन्द्र श्रीवास्तव, अवनीश गुप्ता, आलोकिता श्रीवास्तव, चिंतन बाजपेयी, खुशबू टण्डन, डा० श्वेता सिंह गौर, प्रिया गोपाल मौजूद रहीं। सहयोगियों में राकेश पाण्डेय, आलोक श्रीवास्तव, राज चौहान, रिक्की चौहान, अंजलि दीक्षित व नवल किशोर मौजूद रहे।
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कोटेदारों के उत्पीडऩ पर रोक लगाने की मांग
हरदोई ०४ जून। आदर्श कोटेदार एवं उपभोक्ता वेलफेयर एसोसिएशन जिला इकाई ने बैठक कर कोटेदारों का उत्पीडऩ करने का आरोप लगाया है।
बैठक में मौजूद कोटेदारों ने आरोप लगाया कि हम लोगों को खाद्यान्न कोई वजन करके खाली बोरी का वजन नहीं दिया जाता है। सुविधा शुल्क के नाम पर वसूली की जाती है। विरोध करने पर दुकान निल िबत करने या एफआईआर की धमकी दी जाती है। सभी कोटेदार उचित मूल्य निर्धारित मात्रा में गेहूं, चावल, मिट्टी तेल का वितरण करें। बैठक की अध्यक्षता प्रदेश महासचिव कमलेश कुमार मिश्रा ने की।
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बिजली तथा जर्जर मार्ग को दुरुस्त कराने की मांग
हरदोई ०४ जून। विकास खण्ड बिलग्राम के ग्राम पंचायत दुर्गागंज मजरा सरौना में बिजली की समुचित व्यवस्था न होने तथा क्षतिग्रस्त मार्ग की मर मत न कराए जाने से ग्रामीणों में असंतोष व्याप्त है। ग्रामीणों ने साण्डी के विधायक प्रभाष कुमार को शिकायती पत्र देकर समस्या का शीघ्र समाधान कराने की मांग की है।
शिकायती पत्र में कुलदीप द्विवेदी, आशुतोष बाजपेयी, रामप्रवेश, बलवीर, अखिलेश वर्मा ने विधायक को शिकायती पत्र भेजकर कहा है कि ग्राम सरौना में आज तक विद्युतीकरण की कोई व्यवस्था नहीं की गयी है। जिससे सभी ग्रामवासी परेशान हैं। बिजली को लेकर कई बार सर्वे करवाया गया है किन्तु अभी तक बिजली आपूॢत को लेकर कोई भी कार्यवाही नहीं की गयी। दुर्गागंज से सरौना ढोड़पुर होते हुए मार्ग जण्डैलपुरवा तक जाती है। जिसकी दूरी करीब ६ किलोमीटर है। जिसका निर्माण करीब १२-१३ वर्ष पूर्व हुआ था। इस जर्जर मार्ग की मर मत कराने की आवश्यकता है। नागरिकों ने क्षतिग्रस्त मार्ग को दुरुस्त कराने की मांग की है।

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