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सीतापुर – भ्रष्टाचार में डूबा स्वास्थ विभाग मेडिकल बनवाने के नाम पर अवैध धन वसूली

सवांददाता-अवनीश तिवारी
सीतापुर | देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकारी विभागों में फैले भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए लगातार प्रयासरत हैं जिसके लिए उन्होंने फर्स्ट अधिकारी और कर्मचारियों को कड़ी चेतावनी भी दी है | भ्रष्टाचार में संलिप्त किसी भी सरकारी कर्मचारी को बख्शा नहीं जाएगा | बावजूद सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार की दीमक पीएम और सीएम के तमाम निर्देशों और चेतावनियों को ठेंगा दिखाकर जमकर लूट घडूस कर रहे हैं | कुछ ऐसा ही मामला उत्तर प्रदेश के सीतापुर जनपद के में बने जिला अस्पताल से सामने आया है | जहां पर तैनात जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारियों को जनपद के लोगों को अच्छी और बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुफ्त में प्रदान करने के लिए तैनात किया गया है | वहीं अधिकारी और कर्मचारी लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं देने के नाम पर जमकर खुलेआम अवैध वसूली कर रहे हैं | सीतापुर के इस जिला अस्पताल में सरकारी मेडिकल बनाने का अवैध धंधा भी बड़े पैमाने पर संचालित हो रहा है जिसमें कर्मचारियों से लेकर अधिकारी तक अपनी जेब में भरने में लगे हुए हैं | हालात यह हैं की जिला अस्पताल में किसी भी अंजान या जान पहचान के स्वस्थ इंसान का रुपए लेकर बीमारी का मेडिकल बना दिया जाता है | अवध की आवाज सीतापुर जिला अस्पताल में अवैध वसूली के चल रहे गोरखधंधे का पर्दाफाश करेगा सीतापुर जिला अस्पताल में फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट बनाने का गोरख धंधा बड़े पैमाने पर फल फूल रहा है जिसमें अस्पताल में तैनात कर्मचारियों से लेकर अधिकारी भी संलिप्त हैं | आपको बता दें की सरकारी अस्पताल द्वारा जारी किए गए मेडिकल सर्टिफिकेट बहुत ही महत्वपूर्ण और विश्वसनीय सर्टिफिकेट होता है | जो इस बात की पुष्टि करता है कि जिस व्यक्ति का यह सर्टिफिकेट बना है | वह इतने दिन बीमार रहा है जिसका इलाज भी चलता रहा है इस सर्टिफिकेट में मरीज का परीक्षण करने वाले डॉ सहित जिला अस्पताल के सीएमएस तक का निरीक्षण किए जाने की पुष्टि की जाती है लेकिन सीतापुर जिला अस्पताल में मरीज के आए बगैर सिर्फ पैसे भिजवा देना पर ही उस व्यक्ति का मेडिकल सर्टिफिकेट डॉक्टर और अस्पताल के सीएमएस द्वारा जारी कर दिया जाता है | अवध की आवाज के पास जिला अस्पताल में मेडिकल के नाम पर हो रही धन उगाही की पुष्टि करने वाला वीडियो भी हाथ लगा है जिसमें जिला अस्पताल में ही तैनात कर्मचारी द्वारा मेडिकल बनाने के नाम पर ₹3000 वसूले जा रहे हैं जिसमें अस्पताल के ही कर्मचारी शांतनु साफ तौर पर बता रहे हैं | मेडिकल बनवाने का रेट खुला हुआ है यहां पर ₹500 हफ्ते के हिसाब से मेडिकल के रुपए लिए जाते हैं इसमें कोई भी रुपया कम या ज्यादा नहीं हो सकता | शांतनु का साफ तौर पर कहना था अगर एक हफ्ते का मेडिकल बनवाना है तो ₹500 लगेंगे अगर एक माह का बनाना है तो दो हजार लगेंगे और अगर दो माह का बनवाना है तो ₹4000 मेडिकल बनवाने वाले को देना होगा जिसके बाद सीतापुर जिला अस्पताल द्वारा उस व्यक्ति का मेडिकल बना दिया जाएगा | अवध की आवाज के पास एक ऐसाा वीडियो भी आया है जिसमें अस्पताल में तैनात बाबू जिला अस्पताल की घूसखोरी को बयां कर रहा है | बाबू सुशील शुक्ला अपनी ऊंची पहुंच के चलते जिला अस्पताल में लगभग 25 वर्षों से तैनात है | बाबू सुशील शुक्ला वीडियो में साफ तौर से कह रहा है जितने दिन का मेडिकल बनवाना हो उतने ज्यादा रुपए लिए जाएंगे हमारे अधिकारी इतने तेजतर्रार हैं | अगर आपकी फाइल में रुपयों का वजन नहीं होगा तो वह उठा कर फाइल को फेंक देंगे और हमको भी डांट पड़ जाएगी | मेडिकल बनाने का रेट निर्धारित है जो कि ₹3000 अगर तुम्हारे पास अभी ₹3000 नहीं है तो अपने कागज ले जाओ और पैसे की व्यवस्था कर लो | मेडिकल बनवाने गए कर्मचारी द्वारा जब बाद में बाबूजी को ₹3000 दिए गए जिसके बाद में जिला अस्पताल के सीएमएस ए के अग्रवाल के साइन सहित मेडिकल बनाकर के दे दिया गया | अस्पताल में भ्रष्टाचार यहां तक ही नहीं है हालात बद से बदतर हैं लेकिन इस भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने वाला कोई नहीं अगर बात जिला अस्पताल की इमरजेंसी सेवाओं की जाए तो वहां भी जमकर गरीब मजबूर मरीजों से इलाज के नाम पर लूट की जा रही है | देर रात में मरीजों से डॉक्टर अपनी फीस भी ले रहे हैं साथ ही एडमिट होने पर बेड का चार्ज भी वार्ड ब्वॉय द्वारा वसूला जा रहा है | अपने मरीज का इलाज कराने आए परिजनों को मजबूर होकर अस्पताल के इन घूसखोर कर्मचारी और अधिकारियों को रुपया भी देना पड़ता है |अवध की आवाज के कैमरे में अस्पताल में मरीजो को निशुल्क मिलने वाली इमरजेंसी सेवाओं का काला सच भी कैद हुआ जिस पर जब हमने जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ अग्रवाल से बात करना चाहिए तो वह अपने केबिन पर नहीं थे | जब उनको अवध की आवाज द्वारा फोन मिलाया गया तो मामले की जानकारी लेने के बाद अवध की आवाज की टीम से मिलने से साफ इंकार कर दिया साफ़ था कि जिला अस्पताल में हो रहे | इस इस गोरखधंधे की जानकारी उनको भी थी लेकिन अवध की आवाज के सवालों का जवाब शायद उनके पास नहीं था | मामले में अवध की आवाज की टीम सीएमओ सीतापुर आर के नैयर के कार्यालय पहुंची आर के नैयर द्वारा अवध की आवाज के द्वारा दिखाए गए एक्सक्लूसिव वीडियो को देख उन्होंने भी माना जिला अस्पताल में जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है जो कि पूर्णतया गलत है | सीएमओ सीतापुर ने अवध की आवाज की टीम को सीतापुर जिला अस्पताल में हो रही घूसखोरी और भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए धन्यवाद देते हुए पर कड़ी कार्रवाई भी करने का आश्वासन दिया है | अब देखना यह होगा अवध की आवाज पर सीतापुर जिला अस्पताल की इस रिपोर्ट को प्रकाशित किये जाने के बाद अस्पताल में चल रहे गोरख धंधे पर लगाम लगाई जाती है और उन भ्रष्ट कर्मचारी और अधिकारियों पर कोई कार्रवाई होती है या फिर इस सरकारी जिला अस्पताल में भ्र्ष्टाचार का खेल ऐसे चलता रहेगा | 

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