बहराइच। पयागपुर तहसील क्षेत्र में अनियमित तरीके से किया गया तालाब का पट्टा निरस्त कर दिया गया है। साथ ही पूरे प्रकरण में हुए राजस्व घाटे का आंकलन कर रिकवरी का आदेश दिया गया है। आदेश के बाद से तहसील प्रशासन में हड़कंप मच मच गया है। पयागपुर तहसील के ग्राम पंचायत ककरा मोहमदपुर में साल 2017 में मत्स्य पालन के लिए 15.146 हेक्टेअर के तालाब की नीलामी की गई थी। नीलामी में मत्स्य जीवी समिति को 1, 51, 460 रुपए में 10 सालों के लिए तालाब का आवंटन मत्स्य पालन के लिए कर दिया गया था। लेकिन तालाब आवंटन के बाद गांव निवासी पुत्तीलाल ने सात अक्टूबर 2021 को तत्कालीन जिलाधिकारी से नीलामी को लेकर शिकायत की थी और नीलामी में तहसील प्रशासन व मत्स्य जीवी समिति पर मिली भगत का आरोप लगाया था। शिकायत कर्ता ने 62 गाटों को मिला कर बने 80.066 हेक्टेअर के पूरे तालाब पर मछली पालन करने और भारी राजस्व क्षति का आरोप लगाया था। पुत्तीलाल की शिकायत पर तत्कालीन डीएम ने मामले को अपने न्यायालय पर पंजीकृत करते हुए मुख्य राजस्व अधिकारी को जांच कर निस्तारण की जिम्मेदारी सौंपी थी। प्रकरण में जांच करते हुए अब मुख्य राजस्व अधिकारी अवधेश मिश्रा ने पट्टे को निरस्त कर दिया है। सीआरओ अवधेश मिश्रा ने बताया कि जांच में 15.146 हेक्टेअर के बजाए पूरे 80.066 हेक्टेअर पर मत्स्य जीवी समिति द्वारा मत्स्य पालन व आखेट किया जाना पाया गया है जो नियम विरुद्ध है। उन्होंने बताया कि पट्टा निरस्त करते हुए क्षति निर्धारण का आदेश दिया है। साथ ही सहायक मत्स्य निदेशक को मत्स्य जीवी समिति के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई करने और राजस्व क्षति की रिकवरी का आदेश भी दिया है। सीआरओ के आदेश के बाद मत्स्य जीवी समिति के पदाधिकारियों में हड़कंप मचा है।