छोटे-बडे गडढो के साथ कुछ गडढो में दिखने लगी सरिया
कानपुर नगर। सरकारी काम-काज में हो रहे भ्रष्टाचार का एक और उदाहरण कानपुर के टाटमील से रामादेवी को जोडने वाला सीओडी ओवर ब्रिज में देखने को मिल रहा है। जिस पुल को बनने में 11 साल का समय लगा उसकी दशा 4 साल में ही बद से बदतर होती जा रही है। छोटे-बडे मिलाकर एक दर्जन से भी अधिक गडढो के साथ पुल की सडक भी बराकद नही है। वाहन यहां हिचकोले खाते निकलते है। इतना ही नही बडे गढढो की तो सरिया तक दिखने लगी है।
सीओडी पुल जिसकी कानपुर निवासियों को काफी समय से प्रतीक्षा थी और यहां पडने वाली क्रासिंग से रामादेवी की ओर जाने आने वालों को घंटों जाम से जूझना पडता था। किसी प्रकार राम-राम करके 11 वर्षो में पुल तैयार तो हुआ लेकिन अभी इसके लोकापर्ण के चार वर्ष भी नही बीते की पुल की दशा बद से बदतर हो गयी है। इतना ही नही देखरेख के आभाव से यहां बडे बडे गढढे तक हो गये है, जिससे सरिया तक दिखाई दे रही है। जीटी रोड का यह एक मुख्य मार्ग पर पडने वाला पुल है तथा इससे हर प्रकार के छोटे बडे वाहन गुजरते है। रात्रि का आलम यह कि ध्यान दिया दिया जाये तो वाहन चालक चोट खा जाये। विभागीय जिम्मेदारों को यह दिखाई नही दे रहा या उन्होने आंखे बंद कर रखी है। हीलाहवाली इतनी की पुल को ठीक करने के लिए काफी पहले निरीक्षण भी किया गया था लेकिन मौसम खराब का हवाला देकर काम टाल दिया गया था और आज भी सम्बन्धित अधिकारियों को यह याद नही आ रहा है कि आम जनो की समस्या का उन्हे ही समाधान करना है।