उरई (जालौन) । अगर देखा जाए रास्ते व नाली को लेकर गाँव व कस्बे में समस्याएँ का होना स्वाभाविक है लेकिन यही समस्याएँ जब नगरपालिका में होने लग जाये तो इसे सिर्फ महज अनदेखी ही नही कहा जा सकता हालांकि इस बात को असल मायनों में देखा जाये तो जनपद का मुख्यालय उरई को माना गया है कप्तान ऑफिस , डीएम कार्यालय , न जाने कितने उच्चाधिकारी से लेकर राजनेता भी अपनी राजनीति की शुरु इसी मुख्यालय से करते है लेकिन तो वहीं एक बड़ी बात यह भी है कि दूर दराज , क्षेत्रीय , ग्रामीणांचल से आये लोगों ने निवास बनाकर एक अच्छा खासा नगर पालिका घोषित कर दिया व उरई का विस्तार दिन दूना रात चौगना बढ़ता ही गया लेकिन मुख्य बात है भी है कि उरई ने विस्तार तो बढ़ा दिया मॉडल सिटी , कालोनियों व हवेलियाँ खड़ी होने से नगरपालिका में चार चांद लग गये लेकिन इस नगरपालिका के अन्तर्गत अभी भी उरई के सुशील नगर के ऑफिसर कॉलोनी बारह नंबर ट्यूवेल के पास व जालौन बाईपास अन्य दर्जनों भर मुहल्ले ऐसे है जहाँ पानी के निकास में नाली नही तो बरसात के समय रास्ता नही इन समस्याओं में जूझ रहे लोगों को एक गम्भीर मुसीबत से गुजरना पड़ रहा है तो वहीं गली मुहल्ले में निवास कर रहे लोगों को नगरपालिका की रहनुमायी का इंतजार है कि इस मुसीबत नाम की समस्या का समाधान कब होगा ।
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