उरई/जालौन, (यूएनएस)। जालौन में 5 साल पहले एक दलित महिला की सोते समय बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। इस मामले में सोमवार को न्यायालय विशेष न्यायाधीश एससीध्एसटी एक्ट के जज ने साक्ष्य और गवाहों के आधार पर हत्या करने वाले को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 1 लाख रुपये का आर्थिक दंड लगाया है। यह मामला 31ध्1 नवंबर 2018 का है। जब जालौन कोतवाली क्षेत्र के ग्राम छिरिया सलेमपुर की रहने वाली एक दलित महिला रामवती पत्नी काशी प्रसाद गांव के बाहर मलकपुर मोड़ पर एक दुकान किये हुए थी, जिसकी अज्ञात लोगों ने सोते समय बेरहमी से हत्या कर दी थी। इस मामले में महिला के देवर प्रमोद कुमार ने पुलिस को लिखित सूचना दी थी। पुरानी रंजिश में गांव के ही आदित्य कुमार पुत्र पूरन अकील व कैलाश पुत्र जमनादास निवासी छिरिया के खिलाफ हत्या और एससीध्एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज कराया था।
इस पर पुलिस ने इस मामले की विवेचना की। जिसमें पता चला कि यह हत्या मुबीन पुत्र कल्लू कबाड़ी निवासी नया पटेल नगर थाना कोंच द्वारा की गई। जिस पर पुलिस ने हत्या तथा एससी एसटी एक्ट में मामला पंजीकृत किया और उसके खिलाफ सीओ संजय शर्मा ने न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किये। साथ ही उसको गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इसके बाद इस मामले की सुनवाई न्यायालय विशेष न्यायाधीश एससी एसटी एक्ट कोर्ट में हुई। इस मामले की पैरवी करने वाले सहायक शासकीय अधिवक्ता दांडिक रणकेंद्र सिंह भदोरिया ने बताया कि लगभग 5 साल तक इस मामले की सुनवाई हुई। जिसमें मुबीन पुत्र कल्लू कबाड़ी निवासी नया पटेल नगर कोंच के खिलाफ साक्ष्य और गवाहों के आधार पर न्यायालय विशेष एससी एसटी एक्ट के न्यायाधीश शिवकुमार द्वितीय द्वारा हत्या के मामले में सश्रम आजीवन कारावास तथा 50 हजार का आर्थिक दंड सुनाया गया।
वहीं एससी एसटी एक्ट में भी आजीवन कारावास तथा 50 हजार कुल एक लाख रुपये का आर्थिक दंड लगाया है। इस मामले में 50 प्रतिशत धनराशि मृतका रामवती के पति पुत्री व पुत्र को क्षतिपूर्ति के रूप में देने का आदेश भी कोर्ट द्वारा दिया गया।