कानपुर नगर | नगर में ई.रिक्शा अब जनता के लिए सहूलियत से ज्यादा परेशानी का सबब बनते जा रहे है। हर मोहल्लो और चौराहो पर अव्यवस्थित इरिक्शा जाम का करण बन रहे है वहीं दुघर्टनाओं में भी बढोत्तरी हुइ है। राहगीर व वाहन सवार भी इन ईरिक्शो से तंग आ चुके है। वर्तमान में शहर में लगभग 8 अजार ईरिक्शा बिना किसी नम्बर और दिशा के घूम रहे है। सभी स्थानों पर चलने वाले ईरिक्शा वालों ने अपने रूट स्वयं ही निर्धारित कर लिये है जैसे ग्वालटोली से चुन्नीगंजए चुन्नीगंज से परेडए परेड से मूलगंज ऐसे में इनता 5रू0 प्रति सवारी तय है। लाख कवायदो के बाद भी आरटीओ विभाग इस ओर असफल होता दिखाई दे रहा है। कोई नियम लागू न होने के कारण ईरिक्शों पर नकेल नही कसी जा पा रही है। पूर्व में ईरिक्शा चालकों को आरटीओ द्वारा एक माह की मोहलत दी गयी थी लेकिन कई महीने बीतने के बाद भी दशा वैसी की वैसी ही है। सबसे ज्यादा गंभीर स्थिति शहर में मुख्य चौराहो पर है जहां इनकी धमाचौकडी सिरदर्द बन चुकी है। वहीं नाबालिग बच्चे भी ईरिक्शा चला रहे है जिससे कभी भी हादसा हो सकता है।
चौराहे पर चलती है वसूली
शहर के मुख्य चौराहे जैसे बडा चौराहाए मालरोडए परेडए चुन्नीगंजए रावतपुरए गोल चौराहाए रामादेवी आदि चौराहो पर ईरिक्शा की अराजकता पर तैनात सिपाही सिर्फ इस लिए अनदेखी करते है कि हर रिक्शा से इनको रूपया मिलता है। रिक्शा चलकों ने ही बताया कि सिपाही व होमगार्ड को प्रति रिक्शा पांच से दस रू0 दिये जाते है और यह एक बार नही एक रिक्शा चालक दिन में तीन से पांच बार चौराहो पर खडे होमगार्ड और सिपाहियों को पैसा देते है। ऐसे में आला अधिकारियो की शहर को जाम मुक्त करने की सारे प्रयास विफल होते ही प्रतीत होते है।
ईरिक्शो का हो रहा व्यापारिक प्रयोग
ईरिक्शा जितना शहर के लिए अब परेशानी का कारण बन गये है तो अब इन्हे माल ढोने के काम में भी लाया जाने लेगा। शहर की थोक मण्डियों में सुबह से इरिक्शा खडे हो जाते है और शहर के हर कोने में जाने के लिए माल लादते है। यही नही कुछ ईरिक्शा बडी बाजारो में व्यापारियों के यहां ही सेट हो गये जो फुटकर व्यापारियों का माल उनके अडडे तक पहुंचाते है। सडकों पर सब्जीए गांठो व अन्य सामानो से लदे ईरिक्शा आसानी से देखे जा सकते हैए लेकिन मुख्य चौराहो पर न तो यातायात पुलिस कुछ कहती हैए न होमगार्ड और न ही सिपाही। बस 10.20 रू0 में इन्हे खुली छूट दे दी जाती है।