गाजियाबाद। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गाजियाबाद के अपने संक्षिप्त दौरे से भाजपा प्रत्याशियों के पक्ष में माहौल बना गए। स्वास्थ्य मंत्री और शहर विधानसभा सीट से प्रत्याशी अतुल गर्ग के विधानसभा क्षेत्र में स्थित संतोष मेडिकल कालेज में कोरोना तैयारियों का निरीक्षण करने के बाद उन्होंने मीडिया को संबोधित करते हुए गाजियाबाद से लेकर मुजफ्फरनगर तक यह संदेश देने का प्रयास किया कि उनकी सरकार पुराने तेवरों के साथ मैदान में है। जिस अंदाज में अतुल गर्ग लगातार मुख्यमंत्री के साथ खड़े रहे, ऐसे में संदेश साफ था कि मुख्यमंत्री का जिले में आने का इरादा कुछ और ही था। प्रदेश में प्रथम चरण में पश्चिम के 11 जिलों गाजियाबाद, शामली, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बागपत, हापुड़, गौतमबुद्धनगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा और आगरा की 58 सीटों पर मतदान होगा। आचार संहिता लागू होने से पहले 25 दिसंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गाजियाबाद में रोड शो करके यह संदेश देने का प्रयास किया था कि गाजियाबाद उनकी वरीयता पर है। शनिवार को वह फिर जिले में पहुंचे तो कहा गया कि वह कोरोना प्रबंधन का जायजा लेने आए हैं। मुख्यमंत्री संतोष मेडिकल कालेज और इंग्राहम इंस्टीट्यूट में निरीक्षण करने भी गए। हालांकि उनके साथ स्वास्थ्य राज्यमंत्री और जिले की शहर विधानसभा सीट से प्रत्याशी अतुल गर्ग भी लगातार मौजूद रहे। मुख्यमंत्री जब मीडिया ब्रीफिग कर रहे थे तो केंद्रीय मंत्री और जिले के सांसद वीके सिंह के साथ अतुल गर्ग भी मौजूद रहे। अतुल गर्ग बोले तो कुछ नहीं, लेकिन उनकी भाव-भंगिमा बता रही थी कि उन्हें वहां साथ में खड़े होने का निर्देश मिला है। सधे शब्दों में साधा निशाना: मुख्यमंत्री पहले तो कोरोना प्रबंधन पर ही अपनी बात रखते रहे, लेकिन जैसे ही एक पत्रकार ने सपा की लिस्ट को लेकर सवाल किया तो उन्होंने लिस्ट के बहाने पूर्ववर्ती सपा सरकार के दौरान पश्चिम में हुए दंगों का जिक्र करते हुए अपनी सरकार की तुलना कर दी। लोनी, मुजफ्फरनगर और कैराना के सपा प्रत्याशियों को गुंडा बताते इशारे ही इशारे में अपने प्रत्याशियों के लिए समर्थन भी मांग लिया। मीडिया ब्रीफिग के बाद मुख्यमंत्री तो दिल्ली के लिए रवाना हो गए, लेकिन वहां मौजूद लोगों के मुंह पर एक ही वाक्य था। सीएम प्रत्याशियों को बूस्टर डोज दे गए।