साक्ष्यो पर खुले आम पर्दा डालने की कोशिश, कानपुर प्रेसक्लब में की वार्ता
घटना की सुबह डयूटी रजिस्टर पर अंकित कर्मचारियों के नाम, जिसमें एक भी महिला का नाम नही
कानपुर नगर | करर्रही स्थित न्यू जागृति हास्पिटल में छात्रा के साथ हुए रेप काण्ड के बाद आक्रोशित परिजनो और क्षेत्रीय जनता के द्वारा की जा रही कार्यवाही की मांग पर अब सवालिया निशान उठने लगे है। एक ओर पुलिस अस्पताल प्रबन्धन की ओर से कार्यवाही में लापरवाही बरतती नजर आ रही है तो वहीं पुलिस द्वारा की गयी कुछ गलतियों के कारण इतना बवाल बढा। घटना के तत्काल बाद न तो पुलिस ने डयूटी रजिस्टर को और न ही सीसी टीवी फुटेज को अपने कब्जे में लिया। छोटी सी घटना पर फारेन्सिक टीम बुलाने वाली पुलिस ने अस्पताल की इतनी बडी घटना पर फारेन्सिक टीम को नही बुलाया और न ही आइसीयू को ही सील किया। फिलहाल सोमवार को कानपुर प्रेस क्लब में अस्पताल के प्रबन्धक संजय सिंह ने वार्ता के दौरान कहा कि 15 जून की रात को 11.30 पर शिवानी को उसके पिता चंद्रेश सिंह ने अर्ध बेहोशी की हालत में भर्ती कराया था और ठीक होने के उपरांत दवाइयों का भुक्तान न करने पर कर्मचारियों से विवाद हो गया। कहा कि अस्पताल में जमकर तोड फोड की गयी जिसकी जानकारी युसूफ ने उन्हे फोन पर दी। बताया कि उस समय अस्पताल में लेडीस स्टॉ व नर्स मौजूद थी। कहा कि आरोपी यूसुफ को नौकरी से निकाल दिया गया है और अस्पताल पूरे मानको के साथ रजिस्टर्ड है। जबकि न्यू जागृति अस्पताल की संचालिया संध्या सिंह के द्वारा दी गयी तहरीर में आरोपी की आईसीयू में डयूटी ही नही दिखाई थी। वही पुलिस द्वारा लिये गये बयानो में अस्पताल के लोगो में ही आपसी विरोधाभास था। एक बात यह भी है कि यदि आरोपी यूसुफ की डयूटी नही थी तो किसकी डयूटी थी। वार्ता में संध्या सिंह ने कहा कि कि वहां गुडिया व रानी दो महिलाओं की तैनाथी थी, जबकि अस्पताल के डयूटी रजिस्टर पर उस दिन किसी महिला की तैनाती नही थी और न ही किसी महिला का नाम नही था, पुलिस द्वारा अस्पताल प्रबन्धन पर कोई कार्यवाही नही की गयी और पीडित परिजनों पर मुकदमा दर्ज कर दिया, यही नही आनन-फानन में पुलिस ने डयूटी रजिस्टर भी अपने कब्जे में ले लिया और अब अस्पताल में महिला की तैनाती होने की बात कही जा रही है। पुलिस ने पास सीसीटीवी फुटेज देखने और स्टाफ के बयान दर्ज करने के नाम पर कोेई जवाब नही है। बताते चले कि जागृति अस्पताल की यह घटना नई नही है। कुछ महीने पहले ही लखनऊ से आई टीम ने गर्भपात की सूचना पर इसी अस्पताल में छापा मारा था।