अलीगढ़ (यूएनएस)। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पूर्व शिक्षक तथा देश में विधि की आधुनिक शिक्षा के भीष्म पितामाह पद्मश्री प्रोफेसर एनआर माधव मेनन के निधन पर अमुवि कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने गहरा दुख तथा शोक प्रकट करते हुए कहा है कि प्रोफेसर मेनन का निधन समस्त अमुवि बिरादरी तथा विधि विभाग की बड़ी हानि है। कुलपति ने कहा कि प्रोफेसर मेनन स्वंय में एक संस्था थे, उन्होंने देश में विधि की आधुनिक शिक्षा का पथ प्रशस्त किया। वह एक नामचीन प्रोफेसर थे जिन्होंने देश में विधि की शिक्षा तथा शिक्षण को नई उंचाइयो तक पहुंचाया। उल्लेखनीय है कि पद्मश्री प्रोफेसर एनआर माधव मेनन अमुवि के विधि संकाय से पीएचडी करने वाले पहले छात्र थे। उन्होंने अमुवि से एलएलएमबी किया। 1960 में वह अमुवि के विधि संकाय में अध्यापक नियुक्त हुए फिर 1965 में दिल्ली विश्वविद्यालय चले गये। प्रोफेसर मेनन ने ही देश में सर्वप्रथम नेशनल लाॅ स्कूल की कल्पना प्रस्तुत की जिसके बाद 1989 में बेंगलोर में नेशनल लाॅ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी की स्थापना हुई तथा विधि में 5 वर्षीय ऑनर्स डिग्रीे कोर्स प्ररंभ हुआ। वह नेशनल लाॅ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी, बेंगलोर के संस्थापक कुलपति रहे इसके अतिरिक्त नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ जियो रेडिकल साइंसेज़, कोलकाता के भी कुलपति रहे। प्रोफेसर मेनन ने विधि की शिक्षा, विधि के व्यवसाय, विधिक सहायता, जूडिशियल ट्रेनिंग तथा न्याय को लागू किये जाने के विषय पर एक दर्जन से अधिक पुस्तकें लिखीं हैं।