Home > धर्म संसार > बजरंग बली के लगे जयकारे, सुंदर काण्ड, हनुमान चालीसा, भण्डारों, भजनों तथा आरतियों से पूजे गये पवनपुत्र  अव्यवस्था की भेंट चढ़ा स्वच्छता अभियान

बजरंग बली के लगे जयकारे, सुंदर काण्ड, हनुमान चालीसा, भण्डारों, भजनों तथा आरतियों से पूजे गये पवनपुत्र  अव्यवस्था की भेंट चढ़ा स्वच्छता अभियान

रंजीव ठाकुर
लखनऊ । राजधानी में मंगलवार को दूसरे बड़े मंगल पर भक्तों की भक्ति गरमी पर भारी पड़ी । दिन भर चलती गर्म हवाओं और तपती धूप में भी बजरंग बली के भक्तों ने धूमघाम से बड़ा मंगल मनाया । पूरे शहर में सोमवार रात से ही जगह जगह पण्डाल सजने लगे थे और मंगलवार को सुबह सवेरे ही बजरंग बली के भक्तिमय गानों ने माहौल बनाया शुरू कर दिया था। राजधानी के प्रमुख मंदिरों समेत गली कूचों में भी बजरंगी उपासकों ने जम कर प्रसाद वितरण किया । बड़े मंगल की बढ़ती चढ़ती परम्परा में अब प्रसाद का स्वरूप भी बदल रहा है । परम्परानुसार गुड, बताशे और चने का स्थान तो पहले ही पूड़ी सब्जी और बूंदी ने ले लिया था और अब प्रसाद पुलाव, पॉवभाजी जैसे फास्ट फूड़ की तरफ बढ़ रहा है । लक्ष्मण की नगरी में जेठ के हर मंगल को रामभक्त हनुमान की सेवा में तत्पर दिखाई देते है पर साफ-सफाई का ध्यान अभी भी प्राथमिक नहीं बन आया है । एक आध जगहों को छोड़ दे तो बाकी अधिकांश स्थानों पर दोने, पत्तल और प्लास्टिक के गिलास सड़क पर बिखरे दिखाई दिये । पवनपुत्र के भक्तों ने डस्टबिन तो रखे पर प्रसाद लेने वालों ने जम कर स्वच्छता अभियान का मजाक उड़ाया । पूरे शहर की सफाई व्यवस्था देखने वाले नगर निगम मुख्यालय पर मंगलवार को विशाल भण्डारें का का उद्घाटन मेयर सुरेश अवस्थी ने किया पर यहॉ भी साफ-सफाई की तस्वीर शहर के अन्य हिस्सों से अलग नहीं रही ।
दिन चढ़ते ही नाना प्रकार के पेय पदार्थों से राहगीरों की प्यास बुझाने के लिये हजारों की संख्या में पण्डाल से सेवा शुरू हो गयी थी । ठंडे शरबत और पानी के साथ बूंदी का प्रसाद बांटा गया। दोपहर होते ही शहर के पण्डालों से पूड़ी – सब्जी, छोला – चावल, कढ़ी -चावल, पुलाव आदि प्रसाद बंटने लगा । भक्तों ने बड़े मजे प्रसाद का आन्नद लिया परंतु दोने पत्तल सड़कों पर ही छोड़ दिये । ऐसे में राजधानी को साफ सुथरा रखना और भण्डारों का सफल आयोजन न केवल प्रशासन की जिम्मेदारी बनती है बल्की इस मुहिम में पूरे शहर को आगे आना होगा जिससे कि गंगा जमुनी तहजीब की पहचान बन चुके बड़े मंगल को मंगलमय ढ़ंग से मनाया जा सके ।

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