Home > राष्ट्रीय समाचार > अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में नौ बच्चों की मौत

अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में नौ बच्चों की मौत

सूत्र
अहमदाबाद जेएनएन। बीआरडी अस्पताल गोरखपुर के बाद अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में एक ही दिन में 9 नवजात बच्चों की मौत से प्रशासन के हाथ पांव फूल गए हैं। अस्पताल प्रशासन अब यह कहकर बचाव कर रहा है कि 5 बच्चे अन्य अस्पतालों से रैफर होकर आए थे तथा 5 से 6 बच्चों की मौत तो रोजाना होती है। बीते तीन दिन में 18 बच्चे मरे हैं। चुनावी मौसम में बच्चों की मौत की घटना से सरकार चौतरफा घिर गई है।
गुजरात के सबसे बडे सिविल अस्पताल मे शनिवार को एक साथ नौ बच्चों की मौत की खबर अहमदाबाद से लेकर गांधीनगर तक आग की तरह फैल गई। सुरक्षा व अव्यवस्था फैलने से रोकने के लिए प्रशासन ने पुलिस के जवान सिविल अस्पताल में तैनात कर दिए। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि दिवाली केअवकाश के बाद अचानक नवजात बीमार बच्चों की संख्या में इजाफा हो गया था, मरने वाले बच्चों में से पांच दूरस्थ इलाकों लूनावाडा, सुरेन्द्रनगर, माणसा, वीरमगाम, हिम्मतनगर से रैफर होकर आए थे।
यहां भर्ती बच्चों की हालत गंभीर थी उनका वजर एक सवा किलो था जबकि नवजात का औसत वजन ढाई किलो होता है। उनका कहना है कि बच्चे हैलाइन मैम्ब्रेन डिजीज से पीडित थे अर्ली आॅनसेट सेप्टीकीमिया की हालत में उनकी मौत हुई है। सरकार ने इस घटनाक्रम की जांच के लिए मेडिकल एजुकेशन के उपनिदेशक डॉ आर के दीक्षित की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है जो जल्द इस पर रिपोर्ट तैयार कर सरकार को सौंपेंगे।
अस्पताल के अधीक्षक एम एम प्रभाकर ने डॉक्टरों की अनुपस्थिति के कारण बच्चों की मौत होने से इनकार किया है। उन्होंने कहा, ‘अस्पताल में चौबीसों घंटे डॉक्टर मौजूद रहते हैं। उनका दावा है कि मरीजों को जिला अस्पताल में तब लाया जाता है जब उनकी हालत अधिक गंभीर हो गई। ऐसा निजी अस्पतालों जब मरीज का ईलाज नहीं कर पाते हैं तथा मरीज की हालत बिगड़ जाती है तब उन्हें सिविल में भेज दिया जाता है। उन्होंने बताया कि सिविल में पांच छह बच्चों की मौत रोज होती है। यहां एक सौ बैड का अत्याधुनिक आईसीयू है लेकिन त्योंहार के मौसम में केस बढ जाने से मौत का आंकडा अचानक बढ गया।
कांग्रेस प्रवक्ता मनीष दोशी ने नवजात बच्चों की मौत के लिए स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही को जिम्मेदार बताया है। उनका कहना है कि सरकार स्वासथ्य योजनाओं के प्रचार पर करोडों खर्च करती है नवजातों को बचाने को लेकर क्यों लापरवाही बरत रही है। दोशी मौत को यूपी के बीआरडी अस्पताल से जोडकर इसे भाजपा का मॉडल बताते हुए स्वास्थ्य मंत्री व मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग की है।
महानगर पालिका अहमदाबाद के नेता विपक्ष दिनेश शर्मा की अगुवाई में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सिविल अस्पताल में हंगामा मचाया तथा अधीक्षक कार्यालय में तोडफोड की। दिनेश शर्मा ने आरोप लगाया कि सिविल भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है, बच्चों के इलाज में लापरवाही बरती गई है। इसके जवाब में भाजपा प्रवक्ता आई के जाडेजा ने कहा है कि कांग्रेस राजनीति कर रही है, कम वजन के कारण बालकों की मौत हुई है। कांग्रेस को आतंकियों के घर जाकर प्रदर्शन करना चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *