बीजेपी पहले आप दूसरे और कांग्रेस तीसरे नम्बर पर
रंजीव ठाकुर
दिल्ली/ लखनऊ । देश की राजधानी राजधानी दिल्ली में बुधवार को महानगर पालिका के चुनाव परिणाम घोषित हो गए है। कुल 270 वार्डों के नतीजे आ गये है जिसमें से 180 में बीजेपी के उम्मीदवार जीते, जबकि आम आदमी पार्टी को 45, कांग्रेस को 35 तथा अन्य को 10 वार्डों में जीत हासिल हुई। हालांकि परिणाम पर प्रतिक्रिया देने के लिए दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल सामने नहीं आए, लेकिन पार्टी के मनीष सिसोदिया, आशुतोष आदि ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह भाजपा की लहर नहीं, बल्कि ईवीएम की कहर है। उन्होनें साफ आरोप लगाया कि दिल्ली के मतदाताओं ने आप के उम्मीदवारों को वोट दिए, लेकिन ईवीएम में गड़बड़ी की वजह से वोट भाजपा को चले गये । आम आदमी पार्टी ने वहीं कहा जो यूपी चुनाव के बाद बसपा प्रमुख मायावती और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा था। चुनाव आयोग ने आप को खुली चुनौती दी है कि वह किसी भी ईवीएम में गड़बड़ी साबित करके दिखाएं। असल में मतदान से पहले ही आप को यह एहसास हो गया था कि परिणाम खिलाफ आएंगे। इसीलिए मतपत्र से चुनाव करवाने की मांग की गई थी। मतदान के बाद जितने भी सर्वे आए उनमें भाजपा को ही विजयी बताया गया था। किसी भी सर्वे में आम आदमी पार्टी की जीत नहीं बतलाई गई थी। केजरीवाल एण्ड कम्पनी अपने ढाई वर्ष के शासन में दिल्ली के मतदाताओं को प्रभावित करने वाला कोई काम नहीं कर पायी है जबकि मतदाताओं ने उन्हें विधानसभा चुनाव में 70 में से 67 सीट दी थी, जिस पार्टी को 67 सीटें मिली हो उसका पालिका चुनाव में सूपड़ा साफ हो जाना यह बताता है कि मतदाता आप से खुश नहीं है। केजरीवाल माने या नहीं लेकिन दिल्ली के मतदाताओं को यह लगता है कि केजरीवाल ने पिछले ढाई साल में केंद्र की सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लडऩे के अलावा कोई काम नहीं किया। केजरीवाल ने जब विधानसभा का चुनाव लड़ा, तब उन्हें यह पता होना चाहिए था कि दिल्ली देश की राजधानी है और यहां के सीएम के अधिकार सीमित हैं। इस सीमित अधिकार में ही केजरीवाल को अपनी सरकार की कार्यकुशलता दिखानी चाहिए थी, लेकिन केजरीवाल लगातार अपने अधिकारों को लेकर ही लड़ते रहे। यही वजह है कि मतदाताओं को यह लगता है कि केजरीवाल की वजह से दिल्ली को नुकसान हो रहा है। केजरीवाल यदि अपनी स्थिति को सुधारना चाहते हैं तो उन्हें सीमित अधिकारों में काम करके दिखाना होगा। राजनीति में प्रतिद्वंदी की आलोचना की जाती है, लेकिन यदि स्वयं की विफलता की जिम्मेदारी भी प्रतिद्वंदी पर डाल दी जाए तो फिर केजरीवाल को हार का ही मुंह देखना पड़ेगा। आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि चुनाव में ईवीएम में गड़बड़ी की वजह से भाजपा की जीत हुई है। यानी चुनाव में आप के जो 45 उम्मीदवार जीते हैं। वह भी गड़बड़ी की वजह से ही जीते हैं।