रिपोर्टर इक़बाल
बलरामपुर। अपर जिलाधिकारी/प्रभारी अधिकारी दैवी आपदा, बलरामपुर अरुण कुमार शुक्ल ने बताया कि वर्तमान में आॅधी-पानी के साथ बज्रपात गिरने की काफी घटनाये हो रही है। बज्रपात लगने से कई लोगों के मरने एवं घायल होने की भी सूचना आती है। सामान्यता मानसून पूर्व एवं मानसून की बारिश के समय बज्रपात गिरने की घटनाये होती है। इसलिये यह आवश्यक है कि हम बज्रपात से बचने के लिये थोड़ी सावधानी बरते। बज्रपात गिरने से जन-धन को होने वाली हानि से बचाव के दृष्टिकोण से आमजनमानस को सलाह दी जाती है कि वे आसमान में बिजली के चमकने/गरजने/कड़कने के समय खुले में हो तो शीघ्र अति शीघ्र किसी पक्के मकान में शरण लें, सफर के दौरान अपने वाहन में ही बने रहे, खिड़कियाॅ, दरवाजे, बरामदे एवं छत से दूर रहे, ऐसी वस्तुएं जो बिजली की सुचालक है, उनसे दूर रहे, बिजली के उपकरणों या तार के साथ संपर्क से बचे व बिजली के उपकरणों को बिजली के संपर्क से हटा दें, तालाब एवं जलाशयों से भी दूरी बनाये रखे, समूह में न खड़े हो , बल्कि अलग-अलग खड़े रहे, यदि आप जंगल में हो तो बौने एवं घने पेड़ो के शरण में चले जाये, बाहर रहने पर धातु से बनी वस्तुओं का उपयोग न करें। बाइक बिजली या टेलीफोन का खंभा, तार की बाढ़ मशीन आदि से दूर रहे। धातु से बने कृषि यंत्र-डंडा आदि से अपने को दूर कर दें, आसमानी बिजली के झटके से घायल होने पर पीड़ित को तत्काल नजदीकी प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र ले जाने की व्यवस्था की जानी चाहिए। स्थनीय रेडियो अन्य संचार साधनों से मौसम की जानकारी प्राप्त करते रहे। यदि आप खेत खलिहान में काम कर रहे हो और किसी सुरक्षित स्थान की शरण न ले पाये हो तो जहां है वहीं रहे, हो सके तो पैरो के नीचे सूखी चीजें जैसे लकड़ी, प्लास्टिक, बोरा या सूखे पत्ते रख लें। दोनो पैरो को आपस में सटा लें एवं दोनो हाथों से कानो को बंद कर अपने सिर को जमीन के तरफ यथा संभव झुका लें तथा सिर को जमीन से न सटाये, जमीन पर कदापि न लेटे, ऊॅचे इमारत वाले क्षेत्रों में शरण नहीं ले, साथ ही बिजली एवं टेलीफोन के खंभों के नीचे कदापि शरण न लें, पैदल जा रहे हो तो धातु की डंडी वाले छातों का उपयोग न करें, यदि घर में हो तो पानी का नल, फ्रिज, टेलीफोन आदि को न छुए।
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