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कश्मीर में हिंसा के चलते स्कूल-कॉलेज बंद, महबूबा ने बुलाई कैबिनेट मीटिंग

श्रीनगर (आरएनएस)। पिछले एक हफ्ते से जारी कश्मीर घाटी में विरोध-प्रदर्शन के बीच कई इलाकों में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। ताजा हालात पर चर्चा के लिए सीएम महबूबा मुफ्ती ने आज दोपहर दो बजे में कैबिनेट की मीटिंग बुलाई है। वहीं प्रशासन ने कश्मीर में सभी स्कूल-कॉलेजों को बंद करने का प्रशासन ने आदेश दिया है। कश्मीर में इंटरनेट और मोबाइल सेवाओं पर भी सोमवार को रोक लगा दी गई थी। केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि सुरक्षाबलों की गरिमा को चोट पहुंचाने की इजाजत किसी को नहीं दी जाएगी। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सुरक्षाबलों को अपने मान-सम्मान और सुरक्षा से समझौता करने की कोई जरूरत नहीं है। गृह मंत्रालय ने सोमवार को घाटी की स्थिति का आकलन किया और कहा कि सुरक्षाबलों का व्यवहार आम लोगों के लिए संयत होना चाहिए। मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि खुफिया स्रोतों से लगातार इस बात की जानकारी मिली है कि सीमा पार से उपद्रवियों को सोशल मीडिया के जरिये निर्देश मिल रहे हैं। इसका असर घाटी में शांति व्यवस्था बनाए रखने पर पड़ रहा है।
सेना को मिली प्लास्टिक बुलेट
घाटी में पत्थरबाजों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सेना को हजारों प्लास्टिक बुलेट मुहैया कराए गए हैं। इन बुलेट को इंसास रायफल से फायर किया जा सकेगा। शरीर पर इससे छेद नहीं होगा, लेकिन इसकी चोट से भीड़ को काबू करने में मदद मिलेगी। गौरतलब है कि घाटी में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान स्थानीय लोगों द्वारा सुरक्षाबलों पर पथराव कर आतंकियों को भागने में मदद करने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं।
उपद्रवियों के साथ कठोरता
सूत्रों के अनुसार, सुरक्षाबलों को सरकार की ओर से खुली छूट दी गई है कि वे हिंसा को काबू में करने के लिए उपद्रवी तत्वों के साथ कठोरता से पेश आएं। साथ ही हिदायत दी गई कि सुरक्षाबल उन्हें भड़काने की कोशिश करने वालों तक ही कार्रवाई सीमित रखें। उपद्रवियों के उकसावे में आकर ऐसी आक्रामक कार्रवाई नहीं हो जिसका निशाना कोई आम आदमी बने।
स्थानीय लोगों को मोहरा बना रहे
खुफिया सूत्रों ने सरकार को बताया है कि अलगाववादी तत्वों का सहारा लेकर पाकिस्तान स्थानीय आक्रोश को भड़काना चाहता है। इसके लिए स्थानीय युवाओं को मोहरा बनाया जा रहा है। उन्हें पैसों की लालच देकर सेना और अर्द्धसैन्य बलों पर हमले के लिए उकसाया जा रहा है, जिससे वे आक्रामक कार्रवाई करें और आम लोग निशाना बनें। सुरक्षाबलों से कहा गया है कि वे आम लोगों को लगातार इस बात के लिए आगाह करें कि वे उपद्रवी तत्वों के झांसे में न आएं।
पैलेट गन इस्तेमाल की छूट
सुरक्षाबलों को स्थिति बिगडने पर पैलेट गन सहित अन्य प्रभावी हथियारों का इस्तेमाल करने की भी छूट है। उन्हें यह भी निर्देश हैं कि आतंकियों को शरण देने वालों के खिलाफ कार्रवाई करें। सेना और सुरक्षाबल मिलकर तेजी से अभियान चला रहे हैं। ऐसे युवाओं को चिन्हित किया जा रहा जिन्हें अलग-अलग इलाकों में आतंकियों की ढाल बनने और सुरक्षाबलों को उकसाने का जिम्मा दिया गया है।
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