लखनऊ। आज प्रशिक्षण एवं सेवायोजन निदेशालय की गलती का खामियाजा विभाग के विशेष चयन अनुदेशक भुगत रहे है। परिणाम यह हुआ कि वरिष्ठता सूची के निर्धारण में मनमानी करते हुए निदेशक द्वारा कनिष्ठ अनुदेशक को वरिष्ठ बना कर पूरी सूची का बेड़ा गड़क कर दिया गया उ0प्र0 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान कर्मचारी संघ के पूर्व प्रचारमंत्री जयकरन चैधरी ने बताया कि प्रशिक्षण एवं सेवायोजन निदेशालय में प्रमोशन को लेकर गोरखधन्धा किया गया अनुदेशक वरिष्ठता सही करने हेतु दिनांक 12.08.2018 करो अनुरोध प्रार्थना पत्र सहित तमाम प्रार्थना पत्र पूर्व व वर्तमान में दिये गये वरिष्ठता सही जारी कराये जाने हेतु यहाँ तक कि शासन ने भी अपने पत्र दिनांक 18.06.2018 को वरिष्ठता सही निर्धारण करने के सम्बन्ध में लिखा है। एवं मा0 उच्च न्यायालय में वर्तमान में वरिष्ठता का विवाद निस्तारण के लिए 06 वाद लम्बित चल रहे है। तथा राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग पाँचवी तल केन्द्रीय कार्यालय, अलनऊ, उ0प्र0 द्वारा वरिष्ठता पुनः सही निर्धारण करने हेतु जारी पत्र व मा0 मुख्यमंत्री जी उ0प्र0 सरकार को दिनांक 12.01.2018 सहित कई अनुरोध पत्र सही वरिष्ठता जारी कराये जाने के लिए दिये गये सभी पत्रों व मा0 न्यायालय के आदेशों को एक किनारे रखते हुए निदेशालय के अधिकारियों एवं (पदोन्नति समिति) के सदस्य श्री मुन्द्रिका राम व श्री आर0आर0 यादव एवं अ/यक्ष कमेटी श्री एस0सी0 तिवारी द्वारा विवादित अनुदेशक वरिष्ठता सूची से तैयार की गयी प्रमोशन पात्रता सूची द्वारा कार्मिक विभाग के नियम विरूद्ध लगभग 357 कनिष्ठ अनुदेशकों को फोरमैन (कार्यदेशक) के पद पर प्रमोशन करने की डी0पी0सी दिनांक 28.08.2018 की रात्रि 8ः00 बजे तक कर दी गयी जिसमें विशेष चयन में चयनित और विभाग में पहले मौलिक नियुक्ति पाये लगभाग-208 अनुसूचित जाति के विशेष चयन अनुदेशकों के साथ (प्रमोशन चयन समिति) के द्वारा अन्याय कर यह साबित कर दिया गया कि अनुसूचित जाति के अनुदेशक भले ही विभाग में पहले आये हो लेकिन वरिष्ठता सूची में नीचे ही रहेगें सरकार द्वारा बनाये गये नियम कानून कोई मायने नही ंरखता है। केवल यह सब दिखावा है।