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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, उ. प्र. द्वारा प्रथम राज्य स्तरीय विज्ञान मॉडल प्रतियोगिता का आयोजन

ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के लक्ष्य को प्राप्त करने में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका-योगेन्द्र उपाध्याय
लखनऊ(यूएनएस)। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, उ0प्र0 द्वारा प्रथम राज्य स्तरीय विज्ञान मॉडल प्रतियोगिता का आयोजन मंगलवार को अटल बिहारी साइन्टिफिक कन्वेंशन सेन्टर में किया गया। प्रथम आयोजन के बाद परिषद द्वारा इस कार्यक्रम का आयोजन अब प्रतिवर्ष किया जायेगा। राज्य स्तरीय इस प्रतियोगिता में प्रदेश के सभी जनपदों से आये विद्यार्थियों द्वारा आर्टिफिशयल इंटेलीजेंश, रोबोटिक्स, मशीन लर्निंग, आई0ओ0टी0, एक्वाफोनिक्स, सेंसर तकनीक जैसे नवीनतम विषयों पर आधारित मॉडलों का प्रदर्शन किया गया साथ ही प्रदेश भर से आये किसान, शिल्पकार, मजदूर, नवप्रवर्तकों द्वारा जन समस्याओं के समाधान पर आधारित नवाचार (वर्किंग मॉडल) का प्रदर्शनकिया गया।प्रथम राज्य स्तरीय विज्ञान मॉडल प्रतियोगिता का उद्घाटन मंत्री, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा किया गया। प्रदेश के बाल वैज्ञानिकों एवं नवप्रवर्तकों को पुरूस्कृत एवं सम्मानित भी किया। इस अवसर पर नवप्रवर्तकों के 33 मॉडलों का प्रदर्शन राज्य स्तरीय प्रदर्शनी में किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता नरेन्द्र भूषण, आई.ए.एस., प्रमुख सचिव, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, उ. प्र. शासनके द्वारा की गयी। मंत्री, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, उच्च शिक्षा तथा आई. टी. एवं इलेक्ट्रॉनिक्स, उ. प्र. सरकार द्वारा स्वयं सभी मॉडल्स का निरीक्षण किया गया। मंत्री द्वारा सभी प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए कहा गया कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की प्रदेश के सर्वागींण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका है। विभाग के द्वारा मेडिकल, कृषि, इंजीनियरिंग, बायोटेक्नोलॉजी, आई0टी0 इत्यादि सभी क्षेत्रों में विभिन्न संस्थाओं के माध्यम से शोध के कार्यक्रम कराये जाते हैं जो किसी न किसी प्रकार से सीधे जन समस्याओं के समाधान एवं प्रदेश के विकास से जुड़े होते हैं। विद्यार्थियों द्वारा नवीनतम तकनीकों पर आधारित एवं जन समस्याओं के समाधान पर आधारित बनाये गये मॉडल उनके विज्ञान के प्रति रूचि को दर्शाते हैं। नवप्रवर्तकों द्वारा लगाये गये मॉडल को देखकर यह प्रतीत होता है कि प्रदेश के कम पढ़े लिखे,कृषक,मजदूर,शिल्पकार इत्यादि भी न केवल अपनी अपितु प्रदेश के अन्य आमजन की दिन प्रतिदिन की समस्याओं के समाधान के प्रति अत्यन्त जागरूक हैं। मा0 प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के 5 ट्रिलियन डॉलर की भारतीय इकोनॉमी तथा मा0 मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यथान जी के प्रदेश ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के लक्ष्य को प्राप्त करने में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। मुझे आशा ही नहीं अपितु पूर्ण विश्वास है कि यही विद्यार्थी एक दिन स्टार्ट अप के रूप में अथवा सूक्ष्म व लघु उद्योगों की स्थापना कर प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगें। मंत्री ने बताया कि प्रदेश में नवाचार को बढ़ावा देने के लिये स्टार्टअप्स को तकनीकी एवं आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। प्रोटोटाइप डेवलपमेन्ट के लिये रू.5.00 लाख की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। अन्त में उनके द्वारा सभी प्रतिभागियों एवं विजेताओं को हृदय से बधाई देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। कार्यक्रम का आयोजन शिव प्रसाद, आई.ए.एस. विशेष सचिव, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, उ. प्र. शासन एवं सचिव, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, उ0प्र0 के पर्यवेक्षण में कराया गया। कार्यक्रम में परिषद के निदेशक, अनिल यादव, निदेशक, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, उ0प्र0 एवं संयुक्त निदेशकगण डा0 हुमा मुस्तफा, डा0 डी0के0 श्रीवास्तव, श्रीमती पूजा यादव, डा0 राजेश कुमार गंगवार, राधेलाल तथा वैज्ञानिकगण सुमित कुमार श्रीवास्तव तथा डा0 एस0 रहमान द्वारा सक्रिय भागीदारी एवं सभी कर्मचारियों द्वारा यथा आवश्यक सहयोग प्रदान किया गया। कार्यक्रम में मॉडल्स के प्रतिभागियों के अतिरिक्त समस्त जनपदो के जिला समन्वयकों, क्षेत्रीय वैज्ञानिक अधिकारियों एवं लखनऊ के विभिन्न विद्यालयों के लगभग 500 विद्यार्थियों,शिक्षकों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
अन्त में डॉ0 डी0के0 श्रीवास्तव, संयुक्त निदेशक, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, उ0प्र0 द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया गया।

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