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प्राधिकरण का मुख्य कार्य आवासीय/व्यवसायिक सुविधा उपलब्ध कराना है न कि म्यूटेशन की कार्यवाही करना

लखनऊ | लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा आवंटित परिसम्पत्तियों की फ्रीहोल्ड रजिस्ट्री निष्पादित किये जाने के पश्चात् आवंटियों द्वारा पुनः ऐसी परिसम्पत्ति की बिक्री कर दिये जाने के पश्चात् अथवा आवंटी की मृत्यु हो जाने के पश्चात् फ्रीहोल्ड परिसम्पत्तियों के नामान्तरण की कार्यवाही प्राधिकरण द्वारा की जाती है, जबकि आवंटित परिसम्पत्ति की फ्रीहोल्ड रजिस्ट्री निष्पादित हो जाने के बाद म्यूटेशन की कार्यवाही प्राधिकरण द्वारा किये जाने का कोई औचित्य नहीं रह जाता है। प्राधिकरण का मुख्य कार्य आवासीय/व्यवसायिक सुविधा उपलब्ध कराना है न कि म्यूटेशन की कार्यवाही करना।
2.दिनांक 07.12.2017 तक प्राधिकरण द्वारा लखनऊ नगर निगम को कतिपय योजनायें हस्तान्तरित कर दी गई है (सूची संलग्न)। उ0प्र0 नगर महापालिका अधिनियम 1959 की धारा 172, 173 में सम्पत्ति कर आरोपित/वसूल करने का अधिकार नगर निगम को है तथा इसी अधिनियम की धारा 213 में म्यूटेशन का अधिकार भी नगर निगम को प्राप्त है।
3.उपरोक्त स्थिति में नागरिकों की सुविधा की दृष्टि से दिनांक 07.12.2017 को या इससे पूर्व जो योजनायें नगर निगम, लखनऊ को हस्तान्तरित कर दी गई है, उन सभी योजनाओं में निबन्धित परिसम्पत्तियों की सूची नगर निगम, लखनऊ को प्रेषित कर दी जाय, ताकि नगर निगम द्वारा इस सूची का सम्पत्ति कर आरोपित करने/म्युटेशन की कार्यवाही में आवश्यकतानुसार उपयोग किया जा सके। लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा नगर निगम को हस्तान्तरित योजनाओं में फ्रीहोल्ड परिसम्पत्तियों के म्यूटेशन की कार्यवाही सम्पादित नहीं की जायेगी, बल्कि इन योजनाओं की परिसम्पत्तियों के म्यूटेशन की कार्यवाही नगर निगम, लखनऊ द्वारा की जायेगी। केवल विभिन्न योजनाआंे में ऐसी परिसम्पत्तियाँ जिनमें रजिस्ट्री निष्पादित होने से पूर्व आवंटी की मृत्यु की दशा में उत्तराधिकार के पक्ष में किया जाने वाला म्यूटेशन तथा जो लीज-होल्ड की परिसम्पत्तियाँ है, उनमें लीज-रेण्ट, अनिर्माण शुल्क अथवा अन्य किसी प्रकार के अवशेष देयकों की वसूली के दृष्टिगत म्यूटेशन की कार्यवाही प्राधिकरण द्वारा की जायेगी।
4.नामान्तरण के जिन प्रकरणों में नामान्तरण शुल्क जमा करा लिया गया है, उन सभी प्रकरणों को अगले 01 सप्ताह में निस्तारित कर दिया जाय।
उक्त आदेश तत्काल प्रभावी होंगे।

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