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इंसेफेलाइटिस वैक्सीन आने में लग गए 100 साल,

योगी बोले, 2017 से पहले यूपी में 50 हजार बच्चों की होती थी मौत, अब जीरो
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को ग्रेटर नोएडा के टेक जोन 2 स्थित बैनेट यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में पहुंचे। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलित करके किया गया। इस दौरान उन्होंने कहा, 1977 से 2017 तक पहले यूपी में 40 सालों में 50 हजार बच्चों की मौत हुई। 1998 में मेडिकल कॉलेज गया तो बहुत बुरे हाल थे। पंखे बंद थे। टॉयलेट से बदबू आ रही थी। मैं वहां से निकला तो प्रिंसिपल जा चुके थे। एक पत्र भी लिखा। समाधान नहीं हुआ। संसद में मुद्दा उठाने का प्रयास किया लेकिन कुछ नहीं हुआ। मुझे दो-तीन साल बाद मौका मिला। संसद में बात रखने का। बीमारी के लिए स्थानीय स्तर पर, शासन स्तर पर कोई संवेदना नहीं मिल रही थी। और उस दौरान मैं इस बाद को लेकर लड़ता रहता था। संसद में इस मुद्दे को लेकर किसी न किसी तरह शामिल करवाता था। जून से मरीज आते थे और नवंबर तक हजारों बच्चों की मौत हो जाती थी। इंसेफेलाइटिस की वैक्सीन जापान में 1905 में आ गई लेकिन हमारे यहां आने में 100 साल लग गए। 2017 में मेरी सरकार बनी तो सोचा 5 साल में क्या करूं। लेकिन मेरे पास 17 साल तक संसद और सड़क दोनों का अनुभव था। मैंने व्यवस्था को ठीक करने के लिए टीम बनाई और मॉनिटरिंग की। इतना करने से बीमारी से मौतें जीरो है।
उन्होंने कहा, ऋषि परंपरा में डिग्री प्राप्त करने के पहले भारत के हर उस स्नातक से अपेक्षा की जाती था कि उसे कैसा आचरण करना चाहिए। यानी सत्य बोलना, स्वाधाय करना, सत्य के मार्ग से न हटाना, धर्म के मार्ग से न हटाना, आलस्य से बचना, पठन-पाठन में आलस्य न करना, देव के कार्यों में आलस्य न करना, माता-पिता, गुरुजनों और अपने अतिथि को देवता के समान सम्मान देना चाहिए। जब इस प्रकार के स्नातक निकलते थे तो भारत विश्व गुरु के रूप में स्थापित था। उन्होंने कहा, हम धर्म की बात करते हैं। जिसे धर्म कहते हैं वो वास्तव में धर्म नहीं है। उसका एक पार्ट हो सकता है। धर्म एक विस्तृत व्यवस्था है। उपासना विधि को धर्म नहीं मान सकते। आपका व्यक्तिगत कार्य है। व्यापक अवधारणा है धर्म। जो हमारे कर्तव्यों के प्रति, नैतिक मूल्यों और सदाचार के मार्ग को प्रेरणा देता है। वास्तव में वहीं धर्म हैं। जब भी भारत का हर युवा इस मार्ग का अनुसरण किया। भारत को दुनिया की ताकत बनने में कोई देर नहीं लगी। इससे पहले सीएम ने सभी डिग्री पाने वाले स्टूडेंट्स को बधाई दी। इस दौरान बीटेक सेकेंड ईयर के छात्र हर्षित अग्रवाल ने राम दरबार का चित्र भेंट किया। दीक्षांत समारोह के बाद गौतम बुद्ध यूनिवर्सिटी में अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक करेंगे। इसमें पुलिस-प्रशासनिक व तीनों प्राधिकरण के अधिकारी मौजूद रहेंगे। यूनिवर्सिटी के कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गौतम बुद्ध यूनिवर्सिटी पहुंचेंगे। जहां पर यमुना प्राधिकरण, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण, नोएडा प्राधिकरण, प्रशासन व पुलिस के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे। इसके साथ ही वर्तमान में चल रही परियोजनाएं व आगामी परियोजनाओं को लेकर भी अधिकारियों के साथ चर्चा करेंगे। इसको लेकर अधिकारियों ने तैयारियां शुरू कर दी है। इसको लेकर अधिकारियों द्वारा लेखा-जोखा तैयार किया जा रहा है, जिसको मुख्यमंत्री के सामने पेश किया जाएगा। जिले की तीनों प्राधिकरण की परियोजनाओं की चर्चा के साथ ही जेवर एयरपोर्ट, फिल्म सिटी ,मेडिकल डिवाइस पार्क आदि परियोजनाओं की प्रगति की विस्तृत जानकारी पेश की जाएगी। इसके साथ ही बीते दिनों हुए ग्लोबल इन्वेस्टर सबमिट में आए निवेश पर चर्चा होगी। जो निवेश ग्लोबल इन्वेस्टर सब्मिट में आया था उसको तीनों प्राधिकरणों ने कितने प्रतिशत धरातल पर उतारा गया है। इसकी रिपोर्ट भी मुख्यमंत्री के सामने पेश की जाएगी। साथ ही जनवरी में होने वाली ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी को लेकर भी चर्चा की जाएगी।

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