लखनऊ। उत्तर प्रदेश के शहर लखनऊ से एक चैंकाने वाली घटना सामने आई है। शहर के एक होटल के दो कर्मचारियों ने शनिवार को छह घंटे के अंतराल में आत्महत्या कर ली है। मृतकों में सरकारी स्वामित्व वाले एक होटल का मैनेजर और एक वेटर शामिल है। हालांकि वेटर की आत्महत्या के कारण का पता नहीं चल सका है, खुदकुशी करने वाले मैनेजर ने प्रमुख सचिव, गृह और लखनऊ पुलिस आयुक्त को एक हस्तलिखित नोट लिखकर दावा किया है कि उन्हें उनके सहयोगियों द्वारा एक साजिश में फंसाया जा रहा था, जिसके कारण दोनों को जेल हो सकती है। पर्यटन विभाग द्वारा संचालित एक होटल में बार इंचार्ज के रूप में काम करने वाले इंदिरा नगर के 52 वर्षीय अशोक पाठक ने शनिवार दोपहर को खुद को गोली मार ली, जब उन्हें पता चला कि उनके होटल में कार्यरत वेटर सुरेश कुमार पाल ने आत्महत्या कर ली है। अशोक की पत्नी ममता पांडे लखनऊ के एक गर्ल्स कॉलेज में शिक्षिका हैं, जबकि उनका बेटा शशांक इंजीनियर हैं, जिसकी हाल ही में शादी हुई थी। अशोक ने 32 बोर की लाइसेंसी रिवॉल्वर से खुद को गोली मार ली, उस समय अशोक की बहू और उसकी बहन घर में मौजूद थे। उसे अस्पताल ले जाया गया जहां पहुंचने पर उसे मृत घोषित कर दिया गया। अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (एडीसीपी), उत्तर, प्राची सिंह ने कहा, यह कदम उठाने से पहले, पाठक ने दो सुसाइड नोट लिखे। एक प्रमुख सचिव, गृह और दूसरा लखनऊ पुलिस आयुक्त को संबोधित कर उन्होंने अपने परिवार से उस विभाग के किसी भी दावे को स्वीकार नहीं करने के लिए कहा, जहां उन्होंने काम किया था। नोट में उस संगठन के लिए गहरी नफरत को दर्शाया गया जहां उन्होंने काम किया था। वेटर सुरेश कुमार द्वारा आत्महत्या के बारे में, एडीसीपी ने कहा कि पाठक ने सुसाइड नोट में सुरेश का नाम उल्लेख किया था। उन्होंने कहा, पाठक इस बात को लेकर आशंकित थे कि सुरेश ने अपने सुसाइड नोट में अपना नाम लिखा होगा। जब हमने दोबारा जांच की, तो हमने पाया कि सुरेश ने अपने पीछे कोई सुसाइड नोट नहीं छोड़ा है। एसीडीपी ने कहा कि आगे की जांच जारी है। पाठक की पत्नी ने आरोप लगाया कि उनके पति दबाव में थे। उन्होंने कहा, उन्हें छुट्टी और साप्ताहिक अवकाश की अनुमति नहीं थी और वरिष्ठों ने उन्हें इतना परेशान किया कि उन्होंने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।