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राज्यपाल की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ रज्जू भय्या विश्वविद्यालय का दीक्षान्त समारोह

राज्यपाल ने प्रदान की 142482 विद्यार्थियों को उपाधि
छात्राओ के मेडल प्राप्त करने में बढ़े प्रतिशत पर जताई प्रसन्नता
लोकतंत्र में जनता के भरोसे को मजबूत करेगा
नारी शक्ति वंदन अधिनियम: आनंदीबेन पटेल
लखनऊ, (यूएनएस)। प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में आज प्रो राजेन्द्र सिंह रज्जू भय्या विश्वविद्यालय प्रयागराज का छठा दीक्षान्त समारोह सम्पन्न हुआ। दीक्षान्त समारोह में राज्यपाल ने 1,42,482 विद्यार्थियों को उपाधि दी, जिसमें स्नातक पाठ्यक्रम में 92611, स्नातकोत्तर में 26166 तथा 23705 व्यावसायिक पाठ्यक्रम में उपाधियां दी गई। मेधावी विद्यार्थियों को 161 पदक वितरित किए गए। वितरित पदकों में 47 स्वर्ण पदक, 52 रजत पदक तथा 57 कांस्य पदक प्रदान किए गए। इसके अतिरिक्त 01 कुलाधिपति पदक, 02 प्रायोजित स्वर्ण तथा 02 प्रायोजित रजत पदक मिले।छात्राओं ने पदकों में 63 प्रतिशत जबकि छात्रों ने 37 प्रतिशत पदक हासिल किए।कुलाधिपति एवं राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने विश्वविद्यालय के 6वें दीक्षान्त समारोह में विश्वविद्यालय परिसर में पौधारोपण के साथ 120 एकड़ परिसर में आवागमन को सुगम और प्रदूषण रहित बनाने के लिए ई-कार्ट सुविधा का शुभारम्भ तथा 06 नए भवनों का लोकार्पण भी किया। इन भवनों में शैक्षणिक भवन ब्लाक-बी, लर्निंग रिसोर्स सेण्टर, विश्वविद्यालय अतिथिगृह, पुरूष छात्रावास टाइप-2 ब्लाक-बी, आवास टाइप-3 ब्लाक बी शामिल हैं। उन्होंने दीक्षान्त में आए राजकीय स्कूल के विद्यार्थियों को पठन-पाठन एवं पोषण सामग्री का वितरण भी किया।इस अवसर पर समारोह को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल ने उपाधि प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों में छात्राओं के बड़े प्रतिशत को देखकर शैक्षिक उन्नति में समर्पण के साथ उन्नति करती महिलाओं के सशक्तिकरण पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने हाल ही में सदन में महिलाओं के 33 प्रतिशत आरक्षण को सुनिश्चित करने वाले विधेयक ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम‘ के पारित होने जाने की चर्चा की और कहा कि ये लोकतंत्र में जनता के भरोसे को मजबूत करेगा। उन्होंने अपने सम्बोधन में वैश्वीकरण के दौर में शिखा के बदलते परिदृश्य, जी-20 शिखर सम्मेलन में भारतीय संस्कृति और विरासत की वैश्विक पहचान, ‘वसुधैव कुटुम्बकम‘ की भावना का प्रसार जैसे विविध महत्वपूर्ण विषयों पर भी विस्तृत चर्चा की। उन्होंने विद्यार्थियों का ध्यान भारत की ओर आकर्षित करते हुए इन्हें विश्वविद्यालय स्तर और जनभागीदारी से सुदृढ़ करने की आवश्यकता पर बल दिया।दीक्षान्त समारोह में राज्यपाल ने उपाधि प्राप्त विद्यार्थियों को जीवन में सफलता के लिए कठिन परिश्रम, सहनशीलता और लगन के साथ कार्य करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि जीवन में उतार-चढ़ावों का दृढ़ता से सामना करें और अपने कार्यों में दक्षता हासिल करें। राज्यपाल ने आज के कार्यक्रम का उद्घाटन ‘‘जल संवर्द्धन‘‘ के साथ किया। उन्होंने मटकी में जलधारा प्रवाहित कर जल संरक्षण का संदेश दिया।समारोह में मुख्य अतिथि अध्यक्ष शासी निकाय, राष्ट्रीय परीक्षा एजेन्सी शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार, प्रो प्रदीप कुमार जोशी ने अपने अनुभवों को विद्यार्थियों से साझा करते हुए उनको भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।समारोह में विशिष्ट अतिथि प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने विद्यार्थियों को भावी जीवन में देश के लिए अपना योगदान देने और लोकहित कार्यों से जुड़कर कार्य करने के लिए प्रेरित किया। राज्यमंत्री रजनी तिवारी ने उपाधि प्राप्त विद्यार्थियों को जीवन की शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर कुलपति प्रो अखिलेश कुमार सिंह ने विश्वविद्यालय की प्रगति आख्या प्रस्तुत की।

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