Home > स्थानीय समाचार > राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने किया संविदा कर्मियों को आउटसोर्स के माध्यम से लिए जाने का विरोध

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने किया संविदा कर्मियों को आउटसोर्स के माध्यम से लिए जाने का विरोध

मुख्य सचिव एवं प्रमुख सचिव को भेजा ज्ञापन
लखनऊ। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष जेएन तिवारी ने बताया कि उनके संज्ञान में लाया गया है कि 7 दिसंबर एवं 11 दिसम्बर को निदेशक महिला कल्याण ने विभागीय कार्यक्रमों की समीक्षा के लिए बैठक किया था। बैठक के दो कार्यवृत्त जारी किए गए हैं। पहला कार्यवृत्त 7 दिसंबर को जारी किया गया है, जिसमें संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों अधिकारियों को सेवा प्रदाता एजेंसी के माध्यम से रखे जाने का निर्णय लिया गया है। दूसरा कार्यवृत्त 19 दिसंबर को जारी किया गया है जिसमें विभागीय योजनाओं की समीक्षा के साथ संविदा कर्मियों को आउटसोर्स एजेंसी के माध्यम से लिए जाने के निर्णय को पुनरू दोहराया गया है। संयुक्त परिषद के अध्यक्ष ने प्रदेश के मुख्य सचिव एवं महिला बाल विकास विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिख कर यह अवगत कराया है कि वित्तीय नियमों के अंतर्गत पद की प्रकृति में बदलाव नहीं किया जा सकता है। संविदा कर्मियों की नियुक्ति नियमानुसार विज्ञापन निकालकर चयन समिति गठित करके किया गया है। कर्मियों की नियुक्ति संविदा के आधार पर की गई है। महिला कल्याण विभाग द्वारा केंद्रीय सहायतित समेकित बाल संरक्षण योजना के अंतर्गत संविदा कर्मचारियों की संविदा के आधार पर नियुक्ति की गई है। नियुक्त कर्मी 2012 से निरंतर संविदा पर कार्य कर रहे हैं ।11 साल बाद अचानक ही संविदा के पदों पर कार्यरत कर्मियों को आउटसोर्स में परिवर्तित करने का निर्णय लिए जाने से पूरे प्रदेश के हर विभाग में विसंगति उत्पन्न हो जाएगी। जहां एक तरफ सरकार आउटसोर्स पर रखे गए व्यक्तियों को कर्मचारी नहीं मानती है, वहीं दूसरी तरफ निदेशक महिला कल्याण की कार्यवृत्त के अनुसार आउटसोर्स कर्मचारी संविदा के पदों पर काबिज हो जाएंगे। यदि यह योजना महिला कल्याण विभाग में लागू हो जाती है तो इसका असर प्रदेश के समस्त विभागों में पड़ेगा। विशेष कर इस निर्णय से स्वास्थ्य विभाग प्रभावित होगा ।जहां पर लगभग 100000 संविदा कर्मचारी केंद्रीय सहायतित योजना एनआरएचएम के अंतर्गत कार्य कर रहे हैं। इन सभी कर्मचारियों को आउटसोर्स में बदलने की प्रक्रिया शुरू होगी और प्रदेश के सभी आउटसोर्स कर्मचारी संविदा कर्मी के लिए विज्ञापित पदों पर आ जाएंगे।सरकार संविदा कर्मियों को समय-समय पर नियमित करती रही है ,परंतु आउटसोर्स कर्मचारी के लिए नियमितीकरण की कोई नियमावली अभी तक नहीं है। महिला कल्याण विभाग के इस निर्णय से सभी आउटसोर्स कर्मचारी जिनकी संख्या लाखों में है, संविदा के पदों पर काबिज हो जाएंगे और उनको नियमित किए जाने का आधार बन जाएगा। परिषद ने अपने पत्र में मुख्य सचिव से इस तरह की अनियमित पद प्रतिस्थापना रोके जाने का अनुरोध किया है। यदि शीघ्र ही इस पर निर्णय नहीं होता है ,तो राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद समस्त आउटसोर्स कर्मचारियों को संविदा के पदों पर रखने की मांग करेगी। जिसको मानने के लिए महिला कल्याण का उदाहरण देकर सरकार को बाध्य किया जा सकता है। यह व्यवस्था लागू हो जाने से लाखों की संख्या में आउटसोर्स कर्मचारी को नियमित करने का रास्ता खुल जाएगा एवं सरकार को खजाने से हजारों करोड़ों रुपए व्यय करने पड़ेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *