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समय के उपयोग पर आकड़ों के संग्रहण के लिए प्रतिदर्श सर्वेक्षण कार्यक्रम का आयोजन

आकड़ों की गुणवत्ता और विश्वसनीयता बनाए रखना आवश्यक: अंशिका
लखनऊ। राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण कार्यालय क्षेत्र संकार्य प्रभाग सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय भारत सरकार समय के उपयोग पर आकड़ों के संग्रहण के लिए एक राष्ट्रव्यापी प्रतिदर्श सर्वेक्षण कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है। इस सर्वेक्षण का क्षेत्र कार्य 1 जनवरी से शुरू होगा और 31 दिसम्बर तक चलेगा। क्षेत्र अधिकारियों के प्रशिक्षण के लिए 21 से 22 दिसम्बर के दौरान दो दिवसीय क्षेत्रीय प्रशिक्षण शिविर यानि आरटीसी का आयोजन राज्य राजधानी क्षेत्रीय कार्यालय लखनऊ द्वारा किया जा रहा है। प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन आज एनएसएसओ भवन विकास नगर लखनऊ के तृतीय तल पर स्थित सभा कक्ष में सहायक निदेशक राज्य राजधानी क्षेत्रीय कार्यालय लखनऊ अंशिका बाजपेई ने किया। अंशिका बाजपेई ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए समय के उपयोग यानि टीयूएस के वार्षिक सर्वेक्षण के उद्देश्य और महत्व पर प्रकाश डाला। सुश्री बाजपेई ने बताया कि इस सर्वेक्षण का मुख्य उद्देश्य वैतनिक और अवैतनिक क्रियाकलापों में पुरुषों, महिलाओं और अन्य समूहों की भागीदारी का आकलन करना है। यह सर्वेक्षण अवैतनिक देखभाल क्रियाकलापों, अवैतनिक स्वयंसेवी कार्य, परिवारों के सदस्यों के अवैतनिक घरेलू सेवा प्रस्तुत करने संबंधी क्रियाकलापों के बारे में जानकारी का एक महत्वपूर्ण स्रोत होगा। यह परिवार के सदस्यों के अध्ययन, समाजीकरण, फुरसत के क्रियाकलापों, खुद की देखभाल संबंधी क्रियाकलापों आदि के बारे में भी जानकारी प्रदान करेगा। विभिन्न क्षेत्रों में प्रभावी नीति-निर्माण के लिए उन्होंने आगे बताया कि इस विषय पर सर्वेक्षण प्रथम दौर जनवरी 2019 दृ दिसम्बर 2019 में किया गया था। सुश्री बाजपेई ने आर्थिक विकास की योजना बनाने और बड़ी संख्या में परिवार के सदस्यों के समय व्ययन पर विश्वसनीय आंकड़ों को एकत्र करने के महत्व पर प्रकाश डाला। प्रभावपूर्ण क्षेत्र कार्य के लिए इस तरह के प्रशिक्षण शिविर के महत्व को आगे बताते हुए राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण कार्यालय द्वारा एकत्र किए जा रहे आकड़ों की उच्च स्तर की गुणवत्ता और विश्वसनीयता बनाए रखने पर जोर दिया। ये आकड़े ई-सिग्मा सीएपीआई सॉफ्टवेयर पर टैबलेट के द्वारा एकत्र किये जाएंगे जिससे उनके परिणाम शीघ्र जारी किए जायेंगे। सुश्री बाजपेई ने इस बात पर जोर दिया कि किसी भी सर्वेक्षण की सफलता और उससे प्राप्त आंकड़ों की विश्वसनीयता, जनमानस के सहयोग और सूचकों द्वारा प्रदान की गई तथ्यपुरक जानकारी पर निर्भर करती है। सुश्री बाजपेई ने सभी परिवारों से सर्वेक्षण के दौरान सहयोग करने की अपील की और जब भी सर्वेक्षण कर्मी उनके पास आएंगे, वे उनका पूरा सहयोग कर राष्ट्र निर्माण में अपना सहयोग प्रदान करें। उनके द्वारा प्रदान की गई जानकारी को गोपनीय रखा जाएगा और इसका उपयोग केवल विकास योजना के नीति निर्धारण और अनुसंधान उद्देश्यों के लिए किया जायेगा। इस प्रकार एकत्र किए गए आकड़ों और सर्वेक्षण के आधार पर आए परिणाम केंद्र, राज्य सरकारों के मंत्रालयों, विभागों, संगठनों, शिक्षाविदों और शोधकर्ताओं की आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करेंगे।सहायक निदेशक उप क्षेत्रीय कार्यालय कानपुर शिखा राय ने अपने संबोधन में आँकड़ो की गुणवत्ता बनाए रखने की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए कहा कि चूँकि यह कार्य सूचना प्रणाली सॉफ्टवेयर के माध्यम से किया जाएगा एवं आँकड़े सीधे टैबलेट पर ई-सिग्मा प्लेटफॉर्म के सीपीएआई सॉफ्टवेयर के द्वारा एकत्रित किए जायेंगे। ऐसे में अधिकारियों एवं क्षेत्र कर्मियों को क्षेत्र कार्य के दौरान सजग रहने की आवश्यकता है द्यवरिष्ठ संखिकीय अधिकारी योगेश भारती ने बताया कि दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में राज्य राजधानी क्षेत्रीय कार्यालय लखनऊ और उप क्षेत्रीय कार्यालयों एवं मध्यांचल कार्यालय लखनऊ के 40 अधिकारियों,क्षेत्र कर्मियों ने भाग लिया।

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