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प्रशासनिक लापरवाही… आखिरकार 5 दिन बाद महाराष्ट्र से घर वापस लौटे युवक के लिए गए सैम्पल

(सोशल मीडिया और संभ्रात युवकों की जद्दोजहद के बाद जागा प्रशासन)

मोहनलालगंज,लखनऊ। कोरोना महामारी के भीषण संकट के दौरान भी प्रशासन द्वारा बड़ी लापरवाही बरतने का मामला राजधानी लखनऊ के मोहनलालगंज इलाके में देखने को मिला । जहां महाराष्ट्र से 5 दिन पूर्व घर वापस लौटे युवक द्वारा स्वयं अपनी कोरोना जांच कराए जाने व कोरोंटाइन किए जाने की इच्छा जताए जाने के बावजूद सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र प्रशासन ने महज औपचारिकता पूरी करते हुए उसकी स्कैनिंग करके घर वापस भेज दिया। लेकिन सोशल मीडिया व स्थानीय नागरिको की पैरवी व शिकायत के बाद पांच दिन के उपरान्त गुरुवार को अस्पताल प्रशासन हरकत में आया और युवक और उसके परिजनों के जांच सैम्पल लिए गए लेकिन उसके बावजूद भी प्रशासनिक अधिकारियों और अस्पताल प्रशासन की इस लापरवाही को लेकर ग्रामीणों में दहशत व्याप्त है। जानकारी के मुताबिक राजधानी लखनऊ के मऊ, मोहनलाल गंज क्षेत्र के मऊ गांव का मूल निवासी सुजीत पुत्र स्व: गया प्रसाद जो कि काम धंधे के सिलसिले में पिछले काफी दिनों से महाराष्ट्र के थाणे जिले में रह कर जीवनयापन कर रहा था। लेकिन कोरोना महामारी संकट के चलते कामकाज बंद होने व रोजी रोटी का जुगाड़ न होने के कारण सुजीत थाणे से ट्रक पकड़ कर बीते 5 दिन पूर्व 09 मई को लखनऊ आ गया। लखनऊ आने के बाद वह पहले अपनी कोरोना जाँच के लिए मोहनलालगंज के सीएचसी अस्पताल में पहुँचा। जहाँ पर मौजूद अस्पताल प्रशासन द्वारा मात्र औपचारिकता पूरी करते हुए उसकी स्कैनिंग करके उसे घर भेज दिया और उसको क्वारंटाइन व कोरोना जाँच करवाना उचित नहीं समझा घर आने के करीब चार दिन बाद उसको तेज बुखार खाँसी और साँस लेने में तकलीफ शुरू हो गई। इसकी जानकारी होने पर गाँव के पूर्व उपप्रधान अरुणेश प्रताप सिंह उर्फ दल्लू ने तहसीलदार विवेकानंद मिश्रा थाना प्रभारी गऊदीन शुक्ला को भी दी थी परन्तु किसी ने भी इसको संज्ञान मे लेकर उसकी जाँच और क्वारंटाइन कराना उचित नहीं समझा पूर्व उपप्रधान अरुणेश प्रताप सिंह ने तत्काल इस पर आवाज उठानी शुरू की और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की अधीक्षका ज्योति कामले से बात की। तब कहीं जाकर अधीक्षका ने लैब टेक्नीशियन शैलेंद्र कुमार वीरेंद्र कुमार को मऊ गांव भेज कर सुजीत व परिवार के अन्य सदस्यों के भी जांच सैम्पल लिए गए। वहीं पूर्व उपप्रधान अरूणेश प्रताप सिंह (दल्लू) की माने तो थाणे से लौटा युवक सुजीत कुमार सर्वप्रथम स्वयं मोहनलालगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर अपनी कोरोना जांच कराने गया था जहाँ मौजूद स्टाफ से उसने अपनी जाँच कराने की बात भी कही इसके बावजूद प्रशासन ने घोर लापरवाही बरतते हुए युवक की मात्र थर्मल स्कैनिंग कर उसे घर वापस भेज दिया। जबकि बाहर से लौटे युवक सुजीत के अलावा उसके घर पर दो भाई-बहन और उसकी माँ भी हैं। वह युवक अपने भाईयों-बहनों को और अपनी माँ को खतरे में नहीं डालना चाहता था और खुद की जाँच कराना चाहता परन्तु क्षेत्रीय प्रशासन की लापरवाही से जाँच न करा सका। इन्होंने यह भी बताया कि युवक का घर बहुत छोटा है और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी युवक के घर में होना बहुत मुश्किल है।

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