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पार्थिव बनाकर भगवान शिव की आराधना, तीन साल बाद बनता है इस पूजा का योग

लखनऊ। सुशांत गोल्फ सिटी इलाके के सरसवां गांव में मलमास माह में होने वाली भगवान शिव की पार्थिव पूजा इस भी शुरू हो गई है। कोरोना के चलते इस बार यह पूजा मंदिर पर न होकर घर मे ही मनाई जा रही है। मलमास माह में प्रत्येक दिन सुबह मिट्टी की पार्थिव बनाकर पूजा अर्चना की जाती है। माना जाता है कि भगवान शिव की पार्थिव पूजा तीन साल में एक बार होती है। इस माह में एक माह में सवा लाख पार्थिव बनाने का लक्ष्य रहता है। गांव में रहने वाले राजेन्द्र सिंह बताते है कि इस माह में भगवान शिव की पूजा सबसे उत्तम होती है । अभी तक यह पूजा गांव के मंदिर पर होती थी लेकिन कोरोना के चलते बाहरी लोगों की एकत्र न हो तो इस बार यह पूजा घर पर ही घर के सदस्यों के साथ मिलकर की जा रही है। पिछले सालों में मंदिर पर जब इस माह में भगवान शिव की आराधना की जाती थी तो गांव के लोग भी पूजा में शामिल होकर सहयोग करते थे। लेकिन इस बार भीड़ से बचने के लिए पूजा मंदिर पर न करके घर मे ही किया जा रहा है।
श्याम कुमार यादव गोसाईगंज

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