(गिरोह का एक सदस्य महिला के कपड़े पहनकर देता था झांसा)
मोहनलालगंज, लखनऊ । पीजीआई पुलिस ने तीन शातिर टप्पेबाजों को लूटे गए माल समेत गिरफ्तार किया है। पुलिस ने तीनों के पास से 18,600 रुपये नकद और पीली धातु का टुकड़ा बरामद किया है। पुलिस के हत्थे चढ़े तीनों टप्पेबाज लोगों झांसा देकर के पैसे को दोगुना करने का लालच देकर पैसा लूटने और पीतल को सोना बताकर आभूषण लेकर रफूचक्कर हो जाते थे । एसीपी डॉक्टर बीनू सिंह के नेतृत्व में प्रभारी निरीक्षक पीजीआई को बड़ी सफलता हाथ लगी। मुखबिर की सूचना पर गठित टीम द्वारा अाम्रपाली योजना साउथ सिटी के पास से इन तीन टप्पेबाजों को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है। गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों में राशिद अहमद जनपद फतेहपुर के हदगांव थाना क्षेत्र के मुल्लन पुर का रहने वाला है, विजय प्रधान मौरावां जनपद उन्नाव तथा शिव कमल साउथ सिटी पीजीआई का निवासी है। पुलिस ने इन तीनों टप्पेंबाजों को रविवार की देर शाम गिरफ्तार किया है। जिन्होने कुबूल किया कि ये सभी गैंग लीडर अजीत मौर्य के साथ मिलकर आसपास के जनपदों के अलावा दिल्ली मुम्बई में भी कई वारदातों को अंजाम दे चुके हैं पुलिस को अब गैंग लीडर अजीत मौर्या की तलाश है जो भागने मे सफल रहा। पुलिस ने इन अभियुक्तों के पास से पीली धातु का टुकड़ा और 18,600 रुपये नगद, चेक, और आधार कार्ड बरामद किया है। तीनों अभियुक्तों ने बताया कि वे लोग लखनऊ में कई लोगों को अपना शिकार बना चुके हैं। रविवार को भी यह लोग इसी इरादे से यहां आए थे। मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने तीनों को धर दबोचा है। इस शातिर गिरोह में से एक व्यक्ति महिलाओं के कपड़े पहनता था, जिससे लोग उसके झांसे में आसानी से आ जाते थे। पुलिस के मुताबिक इस गिरोह का मुख्य कार्य लोगों को झांसे में लेकर पीतल को सोना बताकर असली आभूषण लेकर भाग जाना, नोट दोगुना करने का झांसा देकर पैसे हड़पना तथा राह चलते लोगो से पैसे छीनकर भाग जाना है। प्रभारी निरीक्षक के.के. मिश्रा के मुताबिक इस गिरोह ने बीते वर्ष 2019 में रायबरेली जा रहे एक व्यक्ति को पीजीआई गेट के सामने से लिफ्ट देकर बिठाने के बाद उसे टिकरा गांव के पास ले जाकर उसका पर्स छीनकर उसे धक्का देकर उतारने के बाद भाग गए थे, जिसका पीड़ित द्वारा पीजीआई थाने पर मुअसं 782/19 धारा 392/411 भादवि के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया था। पुलिस ने पीड़ित की पर्स में रखा आधार कार्ड, बैंक की पासबुक, चेकबुक और कुछ बची धनराशि जो उसी व्यक्ति की है बरामद करने में सफलता प्राप्त की है।
नवीन वर्मा ।