लखनऊ । अपना दल ने केन्द्र सरकार से मांग की है कि किसानों की आत्महत्या रोकने हेतु किसानों का कर्ज अविलंब माफ करें। दल के प्रवक्ता एडवोकेट आरबी सिंह पटेल ने एक बयान में कहा कि भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में डा. स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्टों को लागू करने की बात कही थी। माननीय प्रधानमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वयं बड़ी-बड़ी रैलियों में संपूर्ण किसानों की कर्जमाफी की बात कही थी। आज जो सरकारें कर्ज माफी की घोषणा कर रही हैं उसमें सिर्फ 32.5 प्रतिशत किसानों का कर्ज माफ हो सकेगा। 67.5 प्रतिशत छोटे सीमांत किसान जिन्हें कर्ज माफी से वंचित होना पड़ेगा। ऋण माफी से त्वरित लाभ मिल सकता है लेकिन किसानों की समस्या का स्थाई समाधान नहीं हो सकेगा।
अपना दल ने माननीय प्रधानमंत्री मोदी से अपेक्षा की है कि किसानों के बेहतरी के लिए कृषि को ‘‘समवर्ती सूची’’ में शामिल किया जाए, गौरतलब है कि कृषि अभी तक राज्यों का विषय है, समवर्ती सूची में आ जाने से कृषि को लेकर केन्द्र और राज्य किसानों के विकास के लिए दोनों दखल दे सकेंगे। किसानों की उपज का 1965 के अनुसार 23 जींसो (फसलों ) का न्यूनतम समर्थन मूल्य महंगाई को देखते हुे तय करना चाहिए। जिसमें कृषि वैज्ञानिक, किसानों के नेता, विपक्ष के नेता को लेकर फसलों के मू्ल्य का आकलन कर समर्थन मूल्य जारी करें। फसलों के खरीदने की गारंटी सरकार स्वयं ले कोई भी विचैलिया किसानों को गुमराह न कर सके। इसके लिए किसानों के हित में कानून बनाया जाए।