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कालेजों में लगेगी लोकतंत्र की पाठशाला

लोकतंत्र मुक्ति आन्दोलन के तहत होंगे आयोजन
रंजीव
लखनऊ। लोकतंत्र मुक्ति आन्दोलन के तहत लखनऊ के विभिन्न इंटर कालेजोंए डिग्री कालेजों और विश्वविद्यालयों में लोकतंत्र की पाठशालाश् आयोजित होगी जिससे लोकतंत्र और संविधान के वास्तविक अर्थ को बताया जा सके। लोकतंत्र मुक्ति आन्दोलन के संयोजक प्रताप चन्द्राए एएफटी बार एसोसिएशन के महामंत्री विजय कुमार पाण्डेयए समाजसेवी एम् एल गुप्ताए टीडी गर्ल्स इंटर कालेज के प्रबंधक एम पी यादव और युवा अधिवक्ता अमित सचान नें राजधानी के प्रेस क्लब में गुरुवार को इस बाबत जानकारियां दी।  लोकतंत्र मुक्ति आन्दोलन के संयोजक प्रताप चन्द्रा नें बताया कि लखनऊ के 50 कालेजों में युवाओं के बीच श्लोकतंत्र की पाठशालाश् लगाई जायेगी जिसमें समाज के तमाम बुद्धिजीवी अपने लोकतांत्रिक अनुभवों को युवाओं से बाटेंगे और बताएँगे कि देश में गड़बड़ी की सबसे बड़ी वजह जवाबदेही है क्यूंकि लोक.तंत्र का सीधा सम्बन्ध जवाबदेही से है। प्रताप चन्द्रा नें कहा कि 50 कालेजों में श्लोकतंत्र की पाठशालाश् पूरी होनें के बाद 10 मार्च 2018 को लखनऊ में श्यूथ.पार्लियामेंटश् लगाई जाएगी जिसमें लगभग दस हज़ार छात्र हिस्सा लेंगे जिसमें देश के नामचीन लोकतंत्र के पैरोकारों को आमंत्रित किया जायेगा जिससे उनके अनुभवों को छात्रों के साथ साझा किया जा सके | लोकतंत्र की पाठशालाश् की शुरुआत 23 दिसम्बर दोपहर 1 बजे गोमती नगर स्थित टीडी गर्ल्स इंटर कालेज से होगी। एएफटी बार एसोसिएशन के महामंत्री विजय कुमार पाण्डेय नें कहा कि लोक.तंत्र में नागरिक अपनी समस्या के समाधान हेतु अपना जन.प्रतिनिधि चुनता है और अपेक्षा करता है कि उनका जन.प्रतिनिधि उनकी समस्याओं के लिए जवाबदेह होगा परन्तु चुना हुआ जन.प्रतिनिधि के बजाये दल.प्रतिनिधि बन जाता है और जनहित के बजाये जनहित में काम करनें लगता है और जवाबदेही बदलकर दल के प्रति हो जाती है।
समाजसेवी एम् एल गुप्ता नें बताया कि आज लोकतंत्र पर पार्टीतंत्र इस कदर हावी हो चुकी है कि विरोध की स्वीकारता नहीं बचीए दिल्ली का जंतर.मंतर खली कराकर कोई अन्य जगह न देना इसका प्रमाण है। टीडी गर्ल्स इंटर कालेज के प्रबंधक एम पी यादव नें कहा कि लोकतान्त्रिक मूल्यों और संवैधानिक अधिकारों को जानना आज की आवश्यकता है। आज सोशल मीडिया के जमानें में छात्रों को न सही जानकारी मिल पाती है और न ही वो जानने के लिए समय निकलते हैं ऐसे में कालेजों का और भी दायित्व बढ़ जाता है। छात्रों को उनके अधिकारों और लोकतान्त्रिक मूल्यों को बतानें का जिसके लिए श्लोकतंत्र की पाठशालाश् अभियान बिलकुल उपयुक्त कदम है। युवा अधिवक्ता अमित सचान नें बताया कि लोकतंत्र में जनता मालिक होती है परन्तु जिसे जनता नें ये कह कर हरा दिया कि आप सदन में नहीं जानें लायक हैए फिर जनता से ऊपर कौन और कैसे हो गया जो निचली सदन में हारनें वाले को उच्च सदन में बैठा देता हैए फिर जनता मालिक कहाँ रहीए इसीलिए लोकतंत्र को आज़ाद कराना होगा।

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