अली आबिद ज़ैदी
लखनऊ । नगर निगम की कार्य व्यवस्था एक बार फिर आरोपों के घेरे में है , यहां के अधिकारी ने बिना टेंडर के ही स्ट्रीट लाइट लगवाने का काम शुरू करवा दिया । यह कोई पहला मामला नहीं है इससे पहले भी पिछली बार इन्वेस्टर्स समिट में एलईडी लाइटे किराए पर लेने में घोटाले के आरोप लगे थे। सूत्रों के अनुसार इस बार एलईडी लाइटे खरीदने का टेंडर होने से पहले ही गड़बड़ी के आरोप लगने लगे है। लाइट लगवाने का यह टेंडर 23 जुलाई को होना था और उसी दिन कार्यदायी संस्था भी चुनी जानी थी लेकिन उससे पहले ही 20 जुलाई को लखनऊ में ख्मबो पर एलईडी स्ट्रिप लगनी शुरू हो गई।
• टेंडर का खेल – सूत्रों के अनुसार ठेकेदारों का आरोप है कि नगर निगम अधिकरियों ने पहले ही तय कर लिया था की टेंडर किसे और कितने में दिया जाएगा। इसी वजह से लाइटे लगने लगी है। वहीं नगर निगम के अधिकरियों और कर्मचारियों के विरोधाभाषी बयानों से भी नए एलईडी घोटाले की चर्चा तेज हो गई है। जब मामला उजागर हुआ तो वे सब एक दूसरे पे आरोप मढ़ने लगते है। अब वे इससे बचते घूम रहे है।
• 2900 खंबो को वॉटर प्रूफ एलईडी से चमकाने की तैयारी – राजधानी लखनऊ में 28 जुलाई को 100 स्मार्ट सिटी के प्रतिनिधियों की कार्यशाला है।
29 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन प्रतिनिधियों से मुलाकात करेंगे। इन्वेस्टर्स समिट के दौरान हुए कई एमओयू का शिलन्यास भी उन्हें करना है। इसी के चलते शहर को सजाने के लिए 2900 खंबो को वॉटर प्रूफ एलईडी से चमकाने की तैयारी की गई है , इसका जिम्मा नगर निगम को मिला था। नगर निगम ने 18 जुलाई को एलईडी स्ट्रिप खरीदने के लिए विज्ञापन निकाला था तथा 23 जुलाई को टेंडर पड़ने है और उसी दिन कार्यदायी संस्था चुनी जानी है । पर इस बीच शुक्रवार को ही यह स्ट्रिप लगवाने का काम शुरू कर दिया गया। 1090 चौराहे से सीएम आवास की तरफ़ लोहिया पथ के खंबो पर स्ट्रिप लगने की सूचना मिलते ही टेंडर डालने की तैयारी कर रहे ठेकेेदार भड़क गए , उन्होंने इसकी शिकायत सीएम कार्यालय में भी की।
• मामले का ज़िम्मेदार कौन – नगर निगम के मुख्य अभियंता राम नगीना त्रिपाठी से जब बात की गई तो उन्होंने कहा मैंने अचानक स्टोर चेक किया तो वहां एलईडी स्ट्रिप पड़ी हुई थी , पता चला की 400 खंबो पर लगने लायक एलईडी रखी है तो इन्हे तुरंत खंबो पर लगाने का आदेश दे दिया गया।