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मजहबी और जातीय राजनीतिक विद्वेष की राजनीति से ही जमींदोज हुई बसपा- डाॅ0 मनोज मिश्र

लखनऊ | भारतीय जनता पार्टी ने बसपा सुप्रीमों के जातीय व मजहबी बयान को वैमनस्यता फैलाने वाला बतलाया। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता डाॅ0 मनोज मिश्र ने कहा कि बसपा सुप्रीमों दलितों की रहुनुमाई का नाटक करके दलितों के वोट की सौदागर बन गई, लेकिन मजहबी और जातीय विद्वेष की कलुषित राजनीति ने बसपा को जमीदोज कर दिया।
डाॅ0 मनोज मिश्र ने कहा कि बसपा सुप्रीमों 2012, 2014,2017 और निकाय चुनाव के परिणामों से कुछ भी सीखने को तैयार नहीं है। देश की जनता अब जातीय और मजहबी बैमनस्यता से इतर विकास की राजनीति की समर्थक है। बहिन जी ने शायद काठ की हांडी एक ही बार चढ़ने की कहावत नहीं सुनी, अगर सुनी होती तो वैमनस्यता पूर्ण विघटनकारी घृणित राजनीति से तौबा कर लेती। प्रत्येक राजनीतिक दल की नैतिक जिम्मेदारी है कि जहां भी वर्ग संघर्ष हो उसे शांत करने का प्रयास करे, न की संघर्ष को और बढ़ाएं।
मिश्र ने कहा कि महाराष्ट्र में हुई हिंसा दुःखद है जो नहीं होनी चाहिए थी। महाराष्ट्र सरकार ने उस पर जल्द ही नियं़त्रण किया। बहिन जी को राष्ट्रवादी सोच के साथ राजनीति करना चाहिए जिसमें देश के अगडों, पिछड़ों दलितों, शोषितों, वंचितों के कल्याण का भाव निहित हो। बसपा सुप्रीमों ने अगर जातिगत विद्वेष की राजनीति का परित्याग न किया तो कल को लोग कहेंगे कि एक राजनीतिक दल बसपा भी था।

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