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कोटेदार पर लगा सरकारी राशन कालाबाज़ारी कर अकूत सम्पत्ति बनाने का आरोप—-

सीएम,डीएम,आयकर‌ महानिदेशक(जांच) से जांच की मांग—

मोहनलालगंज। सरकारी राशन दुकानों का राशन कालाबाजारी कर अधिकतर कोटेदार मालामाल होते जा रहे हैं। यही वजह है कि वह काफी लंबा समय बिताने के बाद भी राशन दुकानें नहीं छोड़ रहे, बल्कि शिकायत होने पर हर बार कोई न कोई तिकड़म भिड़ा कर सरकारी राशन दुकान पर पुन: कब्जा जमा लेते हैं। सूत्रों की माने तो सरकारी राशन दुकानों में से अधिकतर दुकानदार इन राशन दुकानों के जरिए अकूत संपत्ति इकट्ठा कर लिए हैं। उनके पास आय से अधिक संपत्ति हो गई है। ऐसा ही एक मामला सरोजनीनगर के माती ग्राम पंचायत स्थित बलवंत खेड़ा गांव में सामने आया है। जहां गांव के ही रहने वाले विशंभर दयाल ने यहां के कोटेदार के खिलाफ सरोजनीनगर एसडीएम, जिलाधिकारी, आयकर महानिदेशक (जांच) और मुख्यमंत्री तक को इस मामले की शिकायत करते हुए गंभीरता से जांच कराने की मांग की है। बलवंत खेड़ा निवासी विशंभर दयाल ने उक्त अधिकारियों और मुख्यमंत्री को दिए गए पत्र में आरोप लगाया है कि गांव के रहने वाले अशोक कुमार यादव पिछले 35 वर्षों से बराबर सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान पर कब्जा किए हैं। विशंभर दयाल का आरोप है कि वह इस दुकान के जरिए राशन की कालाबाजारी कर अब तक इलाके के ही पिपरसंड गांव में खसरा संख्या -1496ग रकबा 1.0120 हेक्टेयर का आधा हिस्सा अपने नाम खरीद लिया है। इतना ही नहीं आरोप है कि उन्होंने इसके अलावा उन्नाव जिले के बीघापुर क्षेत्र स्थित बिहार गांव में अपनी पत्नी लज्जावती के नाम खसरा संख्या- 3 रकबा 0.4300 हे. और खसरा संख्या- 6 रकबा 1.4290 हेक्टेयर जमीन इकट्ठा कर ली है। इसके अलावा इसी दुकान में राशन की कालाबाजारी करके रायबरेली में अपने पुत्रों के नाम भी काफी जमीन इकट्ठा कर ली। आरोप है कि उन्होंने इस दुकान के ही जरिए गांव में बड़ी कमर्शियल मार्केट तक बना डाली और उस से किराया लेकर व्यवसाय करने के साथ ही ट्रैक्टर सहित काफी धन अर्जित कर लिया है। विशंभर दयाल का कहना है कि इस सरकारी राशन दुकान से अशोक कुमार ने अवैध रूप से आय से अधिक संपत्ति बना डाली है। जिसके विषय में कई बार संबंधित अधिकारियों से शिकायत भी की गई, लेकिन अभी तक मामले की जांच नहीं हो सकी।
नवीन वर्मा, मोहनलालगंज ।

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