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किशोरियों का तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित , सही खानपान और अधिकारों के बारे में दी गयी जानकारी

लखनऊ। अच्छे खान-पान के साथ व्यायाम और योग भी शरीर के लिए बहुत ही जरूरी है। इससे शरीर के तंदुरुस्त बनने के साथ ही मन भी शांत होता है। शरीर को चुस्त – दुरुस्त रखना बहुत आवश्यक है तभी हम किसी काम को मन लगाकर कर सकेंगे। यह बातें मलिहाबाद ब्लाक की बाल विकास परियोजना अधिकारी निरुपमा ने स्कूल न जाने वाली किशोरियों के लिए आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान कहीं। प्रशिक्षण कार्यक्रम राजाखेड़ा आंगनबाडी केंद्र पर 25 से 27 अगस्त तक स्कीम फॉर एडोलेसेंट गर्ल्स के तहत आयोजित किया गया था। प्रशिक्षण में कुल 30 किशोरियों ने प्रतिभाग किया। प्रशिक्षण के पहले दिन किशोरियों को संतुलित आहार के बारे में मुख्य सेविका रेनू बाला ने जानकारी दी। उन्होंने बताया – किशोरियों को अपने खान पान पर विशेष ध्यान देना चाहिए क्योंकि वही आगे चलकर माँ बनती हैं और यदि वह कुपोषित होंगी तो उनका बच्चा भी कुपोषित ही होगा साथ ही उनका ध्यान भी किसी काम को करने में नहीं लगेगा। उन्हें एनीमिया यानी खून की कमी के बारे में भी जानकारी दी गयी कि इससे किस तरह से बचा जा सकता है। आंगनबाडी केंद्र द्वारा दी जाने वाली आयरन फोलिक एसिड की गोलियों का सेवन करने की सलाह दी गयी।


मुख्य सेविका आशा देवी ने उन्हें व्यक्तिगत सफाई विशेषकर माहवारी के समय साफ़ सूती कपड़े का उपयोग करने , नियमित रूप से नहाने के बारे में भी अवगत कराया। वातावरण की सफाई के महत्व के बारे में, स्वच्छ पेयजल के महत्व के बारे में भी बताया। इसके अलावा वह अपने घर पर ही पोषण वाटिका बनाकर पौष्टिक सब्जियों को उगाकर उनका सेवन कर सकती हैं तथा उन्हें बीज व पौधे कहाँ से मिलेंगे इसकी भी जानकारी दी| प्रशिक्षण की शुरुआत योगाभ्यास से की गयी।
प्रशिक्षण के दूसरे दिन सुपरवाईजर उषा उपाध्याय और गोविंदा देवी ने भोजन के कार्य, किशोरियों में पोषक तत्वों की कमी से होने वाली बीमारियाँ , पौष्टिक तत्वों का महत्त्व, , जन सेवाओं का कैसे लाभ उठा सकते हैं इसकी जानकारी दी। साथ ही सरकारी योजनाओं के बारे में भी उन्हें बताया।
प्रशिक्षण के तीसरे और अंतिम दिन सुपरवाईजर ललिता बाजपेयी और आशा देवी ने किशोरियों के कानूनी अधिकार, व्यायाम की आवश्यकता, योग का महत्व, खेल और योग का दैनिक जीवन में उपयोग के महत्व के बारे में प्रकाश डाला। साथ ही बाल विवाह की रोकथाम के लिए भी उन्हें जागरूक किया गया। किशोरियों को मास्क बनाने का भी प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान किशोरियों को ,कोरोना संक्रमण से बचने के लिए मास्क लगाने, साबुन और पानी से बार-बार 40 सेकेण्ड तक हाथ धोने, सार्वजानिक स्थानों पर 2 गज की दूरी , आदि के बारे में भी बताया गया। छींकते व खांसते समय हथेली की जगह कोहनी के प्रयोग और अपने चेहरे को बार-बार न छूने के बारे में भी जागरूक किया गया।

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