Home > स्थानीय समाचार > न्यायालय की प्रक्रिया न अपनाकर केवल आई0जी0आर0एस0 के माध्यम से तथा मीडिया में भ्रामक बयान द्वारा तहसील के कर्मचारियों पर दबाव बनाने का प्रयास करते हैं- कौशल राज शर्मा

न्यायालय की प्रक्रिया न अपनाकर केवल आई0जी0आर0एस0 के माध्यम से तथा मीडिया में भ्रामक बयान द्वारा तहसील के कर्मचारियों पर दबाव बनाने का प्रयास करते हैं- कौशल राज शर्मा

क्रेता द्वारा सम्भवतः इनको विक्रय के समय भूमि पर कब्जा दिया ही नहीं गया
लखनऊ | जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने कहा कि आयुष सिंघल न्यायालय की प्रक्रिया न अपनाकर केवल आई0जी0आर0एस0 के माध्यम से तथा मीडिया में भ्रामक बयान द्वारा तहसील के कर्मचारियों पर दबाव बनाने की कोशिश करते रहते है। 26 मार्च को एक न्यूज चैनल पर श्री सिंघल द्वारा इसी प्रकार की भ्रामक बयानबाजी करके न्यूज चलवाई गयी थी।
जिलाधिकारी आज अपने शिविर कार्यालय सभाकक्ष में जनपद के पत्रकारो से वार्ता कर रहे थे। उन्होने बताया कि सिंघल होम डेवलपर्स द्धारा डायरेक्टर आयुष सिंघल पुत्र कमलेश कुमार, अलीगंज लखनऊ के द्वारा कुछ वर्षो पूर्व ग्राम पपनामऊ तहसील सदर, जनपद लखनऊ में 5 अलग-अलग गाटा संख्याओं में लगभग 5.6 हे0 भूमि क्रय की गयी थी। इनका खतौनी में नामांतरण 2013 व 2014 में हुआ। अन्तिम नामांतरण 06 सितम्बर 2014 को हुआ इसके 2 माह बाद ही श्री सिंघल द्वारा उपजिलाधिकारी सदर के न्यायालय में 29 नवम्बर 2014 को धारा 41 भू-राजस्व अधिनियम के अन्तर्गत एक वाद दायर किया गया, जिसमें सिंघल द्वारा अपनी भूमि की पैमाइश करने हेतु मांग की गयी इसमें आयुष सिंघल द्वारा श्रीमती शीला शर्मा, श्रीमती उर्मिला मेहता तथा सुनील चैधरी को प्रतिवादी बनाया गया था।
जिलाधिकारी ने बताया कि 21 अप्रैल 2017 को इस सम्बन्ध में मा0 मुख्यमंत्री कार्यालय से संदर्भ भी प्राप्त हुआ, जिसमें सिंघल द्वारा पैमाइश कराने का अनुरोध किया गया था, जिलाधिकारी ने बताया कि वाद दौरान पैमाइश हेतु इन गाटो में अन्य सह खातेदार भी पाये गये, जिनमें श्रीमती शीला शर्मा, श्रीमती उर्मिला मेहता, सुनील चैधरी, मायाशंकर सिंह, श्रीमती मधुमणि त्रिपाठी, अजीतमणि त्रिपाठी, ग्राम प्रधान पपनामऊ व अधिशासी अभियन्ता शारदा सहायक सिंचाई विभाग लखनऊ सभी पक्षकारों को पैमाइश हेतु जून 2017 में नोटिस जारी की गयी।
जिलाधिकारी ने बताया कि श्री आयुष सिंघल द्वारा 16 जून 2017 को पुनः शिकायत की गयी इसी के आधार पर 28 जून 2017 को सभी पक्षों की मौजूदगी में पैमाइश की गयी, पैमाइश आख्या 15 जुलाई 2017 के अनुसार पैमाइश इलेक्ट्रानिक टोटल स्टेशन मशीन द्वारा की गयी। इसमें पाया गया कि 3 गाटों के मध्य में इन्दिरानहर निकली है। कुछ गाटों में बंजर भूमि, जंगल का भी कुछ अंश दर्ज है तथा अन्य सह खातेदार भी है, जिनका अभी तक गाटावार विभाजन नहीं ंहै।
जिलाधिकारी ने बताया कि इसके उपरान्त पुनः अक्टूबर 2017 में श्री सिंघल द्वारा शिकायत दर्ज की गई जिस पर पुनः तहसील व पुलिस की संयुक्त टीम पैमाइश हेतु भेजी गयी। इनके द्वारा भी गाटा विभाजन की स्पष्टता के बिना अन्तिम पैमाइश व चिन्हांकन में असमथ जताई गयी। उन्होने बताया कि जिसके कारण मौके पर बंटवारा कुर्रेबंदी के अभाव में प्रत्येक खातेदार की भूमि का चिन्हांकन धारा 24 के अन्तर्गत पैमाइश के माध्यम से सम्भव नहीं हो पाई। जिलाधिकारी ने बताया कि इस पैमाइश के बाद उप जिलाधिकारी सदर के न्यायालय में विभिन्न दिनांको में दोनो तरफ के पक्षकार उपस्थित नहीं हुए। अतं में 19 मार्च 2018 को उप जिलाधिकारी सदर द्वारा आदेश दिया गया कि पक्षक के मध्य अभी तक विधिवत् बंटवारा नहीं किया गया है अतः पहले पक्षकार राजस्व संहिता की सक्षम धारा में बंटवारा कराकर अनुतोष प्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्राप्त करें।
जिलाधिकारी ने बताया कि श्री आयुष सिंघल द्वारा मार्च 2018 में पुनः प्रार्थना-पत्र दिया कि उनकी भूमि में श्री अमनमणि त्रिपाठी द्वारा कब्जा किया गया है अतः कब्जा दिलाया जायेे। जिलाधिकारी ने बताया कि प्रकरण में पुनः गूगल मैप, पूर्व पैमाइश की आख्या, उपजिलाधिकारी सदर के न्यायालय का आदेश प्राप्त किया गया जिससे स्पष्ट है कि श्री आयुष सिंघल ग्राम पपनामऊ के 5 विभिन्न गाटों क्रमशः 331मि0,334मि0,335मि0,33मि0, 337मि0 के सह खातेदार हैं इसमे से चूकिं श्री अजीत मणि त्रिपाठी पक्ष का स्थल के कुछ भाग पर कब्जा है इस कारण श्री आयुष सिंघल द्वारा केवल अजीतमणि त्रिपाठी का नाम लेकर बार-बार प्रार्थना पत्र दिया जाता है।
जिलाधिकारी ने बताया कि श्री सिंघल को लगभग 10 माह पूर्व से ही बताया जा रहा है कि वह अपने बंटवारे से सम्बन्धित वाद उपजिलाधिकारी सदर के न्यायालय में दाखिल करें। उपजिलाधिकारी सदर ने अपने आदेश 19 मार्च 2018 में भी इस बात का वर्णन किया है परन्तु श्री सिंघल द्वारा न्यायिक प्रक्रिया नही अपनाई जाती है बल्कि प्रार्थना-पत्र उच्चाधिकारियों द्वारा आई0जी0आर0एस0 के माध्यम से प्रेषित किये गये है जिसके आधार पर ही वर्ष 2014 से लम्बित पैमाइश के मुकदमें में शीध्र पैमाइश करायी गयी।
जिलाधिकारी ने बताया कि श्री सिंघल द्वारा श्री अमनमणि त्रिपाठी के अतिरिक्त अन्य किसी भी सह खातेदार का नाम बंटवारे के सम्बन्ध में नही लिया जाता हैै ऐसा वे क्यों करते है इसका कारण स्पष्ट नहीं है। जिलाधिकारी ने बताया कि मौके पर इन्दिरा नहर के पश्चिम में तथा नाले के मध्य स्थित गाटों में अधिकतर भूमि खाली है तथा जब भी इनके द्वारा विधिवत् बटवारा किया जायेगा तो यह अपने गाटों पर कब्जा प्राप्त कर सकते है। जिलाधिकारी ने बताया कि तहसील आख्या के अनुसार श्री सिंघल का वर्ष 2014 से पूर्व भूमि क्रय करने के समय से मौके पर कब्जा नहीं रहा है इनके के्रता द्वारा सम्भवतः इनको विक्रय के समय भूमि पर कब्जा दिया ही नहीं गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *