लखनऊ । भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) उत्तर प्रदेश राज्य सचिव मण्डल ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि पार्टी के राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन के तहत प्रदेश भर में आज दिनांक 16 जून 2020 को गांवों, मुहल्लों, पार्टी कार्यालयों और निजी अवासों पर पार्टी इकाईयों के नेतृत्व में धरना/प्रदर्शन किये गये और राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजे गये। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने कोरोना महामारी से लड़ने और जनता को राहत देने के तौर-तरीके पर प्रहार करते हुए कहा है कि आश्वासनों के आडंबर और फर्जी आंकड़ों के आधार पर कोरोना महामारी का मुकाबला नहीं किया जा सकता और नही महामारी से बुरी तरह से त्रस्त जनता को राहत दिलायी जा सकती है। लॉकडाउन के चलते देश में 15 करोड़ से ज्यादा लोग बेरोजगार हो गये हैं और मजदूरों, किसानों व अन्य मेहनतकशों की जिन्दगी अत्यंत मुश्किलों में पड़ी हुई है। उनके पास न रोजगार है और न ही जीविका चलाने का दूसरा कोई साधन। केन्द्र सरकार को अविलम्ब उन तमाम लोगों के खाते में 7500 रूपये हर महीने कम से कम छह माह तक देना चाहिए जो आयकर दायरे से बाहर हैं। सरकारी गोदाम अनाज से भरे हुए हैं, सरकार को इन गोदामों से राशन बाहर निकालना चाहिए और कम से कम दस किलो अनाज प्रति व्यक्ति प्रतिमाह छह महीने तक निःशुल्क दिया जाना चाहिए। लॉकडाउन के चलते बेरोजगार हुए करोड़ों लोगों को मनरेगा में कम से कम 200 दिनों का रोजगार दिया जाना चाहिए और जिन्हें रोजगार नहीं दिया जा सकता उन्हें बेरोजगारी भत्ता देना चाहिए। शहरी क्षेत्रों में भी रोजगार गारंटी योजना लागू की जानी चाहिए। धरना/प्रदर्शनों के द्वारा यह भी मांग की गयी कि मोदी सरकार धुंआधार तरीके से राष्ट्रीय संपत्तियों को बेंच रही है और सार्वजनिक क्षेत्रों जैसे बिजली, कोयला, रक्षा आदि का निजीकरण कर रही है। इसे तत्काल रोका जाना चाहिए। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में डीजल-पेट्रोल के दामों में गिरावट के बावजूद मोदी
सरकार द्वारा लगातार मूल्यवृद्धि किये जाने का भी तीव्र विरोध करते हुए निंदा की गयी। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) राज्य सचिव मण्डल ने कहा है कि जनहित में इन मांगों को पूरा कराने के लिए पार्टी हर संभव तरीके से जनता को जागरूक कर सरकार पर दबाव बनायेगी।