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बदले की भावना से ग्रस्त सरकार नहीं चाहिए: अंगारा

लखनऊ, (यूएनएस)। देश और प्रदेश दोनों की परिवर्तन की चाहत है। वह धर्म और जाति की राजनीति नहीं चाहते है, लोकतंत्र और संविधान की सुरक्षा चाहते है। भारत और उत्तर प्रदेश को आमजन विकसित, विकास प्रगति की ओर बढ़ते देखना चाहता है,वह लोगों के मौलिक अधिकारों को हनन करने वाली सरकार नहीं चाहता है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति की खुशहाली देखना चाहते थे,लेकिन उनके अनुयाई बनने का दावा करने वाले तो उन्हें मुट्ठी भर राशन देकर वही खड़े रखने को विकास कहने लगे हैं।जबकि वो तो ऐसी सरकार चाहता है जहां सभी धर्मों का सम्मान होता हो,वह बदले की भावना से ग्रस्त सरकार नहीं चाहता है। वह नवजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाली सरकार नहीं चाहता है। आमजन हो या नौकरी पेशा लोग हो, वे न ही सरकारी कर्मचारियों के पेंशन और मूलभूत सुविधाएं छीनने वाली सरकार भी नहीं चाहते है।समाजवादी चिंतक और राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष रविन्द्र कुमार श्रीवास्तव अंगारा ने यह बातें कहीं। उन्होंने कहा कि जिस सरकार से प्रदेश व देश की जनता भयभीत हो, सकून न हो, सुरक्षा न हो ऐसी सरकार नहीं चाहिए, लोकतंत्र में लोकहित सर्वोपरि होता है लेकिन यहाँ तो उलट है। इसलिए वर्तमान सरकार को सत्ता से उखाड़ फेंकना चाहती है।जनता 2024 में सरकार बदलना चाहती है,देश में परिवर्तन चाहती है, मुफ्त का दाना डालकर जो सरकार शोषण कर रही हो,ऐसी सरकार को बदलना चाहती है,देश में परिवर्तन लाना चाहती है, इसलिए केन्द्र और प्रदेश सरकारों को बदलना चाहती है। उन्होंने कहा कि बदलाव प्रकृति का नियम ,बदलाव होने को है।

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