Home > स्थानीय समाचार > अयोध्या प्रशासन ने नकारे राम मंदिर के लिए भूस्वामियों पर दबाव बनाने के आरोप, हाई कोर्ट में डीएम ने दी सफाई

अयोध्या प्रशासन ने नकारे राम मंदिर के लिए भूस्वामियों पर दबाव बनाने के आरोप, हाई कोर्ट में डीएम ने दी सफाई

लखनऊ। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के समक्ष अयोध्या प्रशासन ने एअरपेार्ट बनाने के लिए जमीनें अधिग्रहीत करने में भूस्वामियों पर दबाव बनाने के आरोप को सिरे से नकार दिया है। कोर्ट ने मामले को अगली सुनवाई के लिए चार सप्ताह बाद सूचीबद्ध करने का आदेश दिया है। कोर्ट के आदेश पर वीडियो कान्फ्रेंसिंग से पेश हुए अयोध्या जिले के जिलाधिकारी अनुज झा ने सफाई दी है कि एयरपोर्ट के लिए जमीनें लेने में किसी भी भू स्वामी अथवा किसान पर दबाव बनाने का प्रश्न ही नहीं उठता। यह आदेश जस्टिस राजन रॉय व जस्टिस सौरभ लवानिया की बेंच ने पंचराम प्रजापति समेत 107 लोगों की याचिका पर पारित किया। सुनवाई के दौरान जिलाधिकारी के अलावा उप-जिलाधिकारी ज्योति सिंह व तहसीलदार विजय कुमार सिंह भी वीडियो कान्फ्रेसिंग के जरिये उपस्थित रहे। जिलाधिकारी ने कोर्ट को बताया कि 19 मार्च 2015 के शासनादेश के निर्देशों का सख्ती से पालन करते हुए जमीनें ली जा रही हैं। सर्किल रेट को रिवाइज किये जाने के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 व 2020 में सर्किल रेट रिवाइज किया गया था। हालांकि उन्होंने यह भी बताया कि प्रत्येक रिवीजन में यह आवश्यक नहीं कि सर्किल रेट बढ़ाया ही जाए। जिलाधिकारी ने कोर्ट को आश्वासन दिया कि याचियों की जमीनें न तो बलपूर्वक ली जाएंगी और न ही किसी के मकान गिराए जाएंगे। इस पर कोर्ट ने तीनों अधिकारियों को शपथ पत्र दाखिल करने का आदेश दिया है।
उधर रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंददेव गिरि ने कहा है कि राम मंदिर के लिए भूमि खरीद की पूरी प्रक्रिया सौ प्रतिशत वैधानिक है और इसमें कानून की मर्यादा का कोई उल्लंघन नहीं किया गया है। जो लोग इस प्रक्रिया में गड़बड़ी की शिकायत कर रहे हैं, वह मंदिर निर्माण के विरोधी हैं और हम राम मंदिर निर्माण के विरोध की भावना सफल नहीं होने देंगे। गुरुवार को वह तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपालदास के उत्तराधिकारी महंत कमलनयनदास एवं ट्रस्ट के सदस्य तथा अयोध्या राज परिवार के मुखिया बिमलेंद्रमोहन मिश्र और दो अन्य सदस्य महंत दिनेंद्रदास एवं कामेश्वर चैपाल के साथ मणिरामदास जी की छावनी में मीडिया से मुखातिब थे। उन्होंने ट्रस्ट पर आरोप लगाने वालों की ओर इशारा करते हुए लोगों का आह्वान भी किया कि जिनके मन में राजनीतिक स्वार्थ और राष्ट्रीय भावनाओं को कुचलने का भाव है, उन पर विश्वास मत कीजिए। उन्होंने आश्वस्त किया कि रामजी की कृपा से मंदिर निर्माण अबाध गति से हो रहा है और नियत काल (29 माह) में मंदिर निर्माण पूर्ण होगा। ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष ने ट्रस्ट की ओर से भूमि खरीद का औचित्य भी प्रतिपादित किया।

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