Home > स्थानीय समाचार > अब घर बैठे टीबी की जांच, मिलीं 18 मेडिकल मोबाइल वैन

अब घर बैठे टीबी की जांच, मिलीं 18 मेडिकल मोबाइल वैन

क्षय उन्मूलन में इंडियन आयल की ऐतिहासिक पहल
उत्तर प्रदेश को 44 एक्स-रे व 61 ट्रूनाट मशीन भी मुहैया कराएगी
तीन साल तक साल में एक बार 10% आबादी में चलाएगी एसीएफ
लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वर्ष 2025 तक देश को क्षय रोग मुक्त बनाने के संकल्प को साकार करने में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने ऐतिहासिक पहल की है। इसके तहत उत्तर प्रदेश राज्य सघन क्षय उन्मूलन परियोजना को मंजूरी दी गयी है। इसके लिए उत्तर प्रदेश को इंडियन ऑयल की तरफ से मानव संसाधन सहित 18 मेडिकल मोबाइल वैन, 61 ट्रूनाट मशीन और 44 एक्स-रे मशीन मुहैया करायी जाएंगी। इसके अलावा तीन साल तक साल में एक बार 10 प्रतिशत आबादी में सघन क्षय रोगी खोज अभियान (एसीएफ) चलाया जाएगा। इससे प्रदेश के दूरदराज और दुर्गम क्षेत्रों में घर बैठे टीबी की जांच को संभव बनाया जा सकेगा।
राज्य क्षय रोग अधिकारी डॉ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी एवं केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया की उपस्थिति में बुधवार को नई दिल्ली में एक ऐतिहासिक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किया गया। एमओयू के अंतर्गत उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्य सघन टीबी उन्मूलन परियोजना शुरू करने पर सहमति बनी। इस मौके पर नई दिल्ली में उपस्थित रहे डॉ. भटनागर ने बताया कि इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य क्षय रोगियों की शीघ्र पहचान, देखभाल और जरूरी सहायता पहुंचाना है, जिसके लिए प्रदेश को इंडियन आयल संसाधनों से लैस करेगा। इसके तहत प्रदेश को मिलने वाली 18 मेडिकल मोबाइल वैन से प्रदेश के दूरदराज और दुर्गम स्थानों के लोगों को घर बैठे जाँच की सुविधा मिल सकेगी। वैन में ट्रूनाट और एक्स-रे मशीन की सुविधा के साथ टेक्नीशियन और सहायकों की तैनाती की जाएगी। उन्होंने बताया कि सहमति पत्र के मुताबिक़ प्रदेश को मिलने वाली 44 एक्स-रे मशीन में से 18 मेडिकल मोबाइल वैन में, 18 मंडलों को एक-एक मशीन और प्रदेश के आठ महत्वाकांक्षी जिलों को एक-एक एक्स-रे मशीन मुहैया करायी जाएंगी। इसी तरह 61 ट्रूनाट मशीन में से 18 मेडिकल मोबाइल वैन में, महत्वाकांक्षी जिलों में एक-एक और शेष मशीनें जरूरत के मुताबिक़ स्वास्थ्य केन्द्रों को मुहैया कराई जायेंगी। इसके साथ ही इंडियन ऑयल प्रदेश के सभी 75 जिलों में बड़े पैमाने पर एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान (एसीएफ) को लागू करने वाला पहला कॉर्पोरेट बन गया है, जिसमें तीन साल के लिए साल में एक बार लगभग 10 प्रतिशत आबादी को शामिल किया गया है। राज्य क्षय रोग अधिकारी का कहना है कि देश और प्रदेश को क्षय मुक्त बनाने के लिए जरूरी है कि मरीजों की शीघ्र पहचान कर उनका इलाज शुरू किया जाए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *