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आर- पार की लड़ाई के लिए तैयार हो रहे हैं जनस्वास्थ्य रक्षक

अखिलेश सरकार में बना था शासनादेश, योगी सरकार को पहनाना है अमली जामा
रंजीव ठाकुर
लखनऊ। अपनी बहाली को लेकर पिछली समाजवादी पार्टी की सरकार के लिए खासा सिरदर्द बन चुके हजारों जनस्वास्थ्य रक्षक सूबे की नयी सरकार से तत्काल निर्णय की आशा लेकर बैठे हैं। उन्हें पूरी आशा है कि राज्य विधानसभा के चालू सत्र में ही उनके लम्बे संघर्ष पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कोई ऐतिहासिक फैसला अवश्य ले लेंगे। प्रदेश में जनस्वास्थ्य रक्षकों के सक्रिय संगठन कम्यूनिटी हेल्थ वर्कर एसोशिएसन ने इस विषय पर अपनी तेजी दिखाना शुरू कर दी है।
पिछले दिनों उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्यरक्षकों के एक संगठन के मुखिया रघुपति सिंह ने प्रेसवार्ता करके सूबे की सरकार से न्यायोचित फैसले की उम्मीद पहले ही जता दी है। इस समय उत्तर प्रदेश में हजारों स्वास्थ्यरक्षकों के सामुदायिक श्रमिक हितों की लड़ाई लड़ रहा प्रमुख संगठन अपने मांगपत्रों पर अडिग हैं। रघुपति सिंह की सांगठनिक अगुवाई में चल रहे इन स्वास्थ्यरक्षकों का एक ही लक्ष्य है कि प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ तत्काल प्रदेश के सारे जिलों में ठप पड़े चिकित्सा अभियानों को लक्ष्यगति देने के लिए स्वास्थ्यरक्षकों की बहाली सुनिश्चित कराने के लिए घोषणा जारी करें।
स्वास्थ्य रक्षकों के एक प्रमुख संगठन के मुखिया रघुपति ने पिछले दिनों जानकारी देते हुए बताया था कि समाजवादी सरकार के कार्यकाल में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने स्वास्थ्यरक्षकों को बहाली देने के निर्णय पर अपनी सहमति प्रदान कर दी थी और पूरा शासनादेश भी बनकर तैयार हो चुका है।

अब केवल प्रदेश के नये मुखिया के रूप में मुख्यमंत्री योगी को इस शासनादेश को अमली जामा देना है। उन्होनें ने कहा था कि यदि उत्तर प्रदेश में ठप हो चुकी प्राथमिक चिकित्सा प्रणाली को दुबारा पटरी पर लाना है तो राज्य सरकार को स्वास्थ्यरक्षकों की सारी न्यायोचित मांगे तत्काल स्वीकार करके उनकी बहाली की प्रक्रिया अविलम्ब प्रारम्भ कर देनी चाहिए। गौरतलब है कि प्रदेश में 87500 जनस्वास्थ्य रक्षक मुख्यमंत्री योगी की बाट जोह रहे है ।

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