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राजेश साहनी मौत मामले में अभी तक एफआईआर तक दर्ज नहीं कर पाई है यूपी पुलिस आखिर क्यो ?

लखनऊ। किसी अपराध के घटित होने पर एफआईआर दर्ज करना पुलिस का पहला काम है पर यूपी की राजधानी लखनऊ स्थित समाजसेविका और आरटीआई कार्यकत्री द्वारा मुख्यमंत्री से एटीएस के अधिकारी राजेश साहनी की मौत के मामले में एफआईआर दर्ज करने की मांग विषयक एक शिकायत पर थाना गोमतीनगर की विरामखंड चैकी के इंचार्ज मुहम्मद हसन जैदी ने जो उत्तर दिया है उसमें एफआईआर दर्ज किये जाने बिंदु का कोई जिक्र ही नहीं किया गया है, एक्टिविस्ट उर्वशी ने बताया कि राजेश साहनी की मौत असामान्य परिस्थितियों में हुई थी और इसीलिये इस घटना की एफआईआर दर्ज किया जाना आवश्यक था किन्तु एफआईआर दर्ज नहीं की जा रही थी, बकौल उर्वशी इसीलिये उन्होंने लोकहित में यह मुद्दा उठाते हुए मुख्यमंत्री से अपर पुलिस अधीक्षक राजेश साहनी की आकस्मिक मृत्यु के सम्बन्ध में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर निष्पक्ष विवेचना कराये जाने की मांग की थी, उर्वशी ने बताया कि थाना गोमतीनगर की विरामखंड चैकी के इंचार्ज मुहम्मद हसन जैदी ने इस सम्बन्ध में जो उत्तर दिया है वह एफआईआर दर्ज करने के बिंदु पर स्पष्ट नहीं है और पूरा जबाब ही गोलमोल है स जैदी ने उर्वशी को बताया है कि राजेश साहनी की आकस्मिक मृत्यु के सम्बन्ध में थाना गोमतीनगर पर निरंतर नियमानुसार समस्त आवश्यक विधिक कार्यवाही की जा रही है और आगे भी पूरी निष्पक्षता तथा तत्परता के साथ समस्त आवश्यक कार्यवाही की जायेगी,
जैदी ने उर्वशी से अनुरोध किया है कि अगर उनके पास प्रकरण से सम्बंधित कोई भी तथ्य व्यक्तिगत जानकारी में हो तो वे स्थानीय पुलिस से संपर्क करें ताकि उन तथ्यों को संज्ञान में लेते हुए आवश्यक कार्यवाही की जा सके, उर्वशी ने बताया कि उन्होंने एसओ गोमतीनगर से बात करके एफआईआर दर्ज होने या न होने के वारे में स्थिति स्पष्ट करनी चाही लेकिन एसओ गोमतीनगर ने उनकी कॉल रिसीव ही नहीं की।

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