लखनऊ रामबाग। बाबा खुशहाल दास की तपोस्थली रामबाग में रावण को हमेशा खड़ा देखा जा सकता है। भले ही रावण का हर साल वध किया जाता है । ऐसा भी नहीं है कि रामबाग बिना राम का है। यहां भगवान राम भी रावण के ठीक सामने धनुष बाण लेकर खड़े हैं। राजधानी लखनऊ क्षेत्र अन्तर्गत गोसाईगंज के अमेठी स्थित दशहरा मेला स्थल का रामबाग नाम बाबा खुशालदास द्वारा रखा गया था। यहां स्थित तालाब के रमसगरा कहा जाता है। इस बाग में करीब 40 साल से रावण खड़ा है। वर्ष 1904 से दशहरा मेला लगता आ रहा है। 1920ई. में मिट्टी से बनी रावण की प्रतिमा स्थापित की गई थी। बरसात में भक्तों होने के बाद 1980ई. में सीमेंटेड से प्रतिमा का निर्माण कराया गया जो आज भी मौजूद है। मेला प्रबंधक गोकरन नाथ वर्मा बताते है कि रावण की प्रतिमा का निर्माण अमेठी निवासी अब्दुल खालिक कुरेशी ने करवाया था। बाबा खुशहाल दास की समाधि के बाहर खड़े रावण के सामने वर्ष 2004 में प्रभु श्री राम की प्रतिमा स्थापित की गई। इसे रघुनाथ प्रसाद सोनकर ने बनवाया था अमेठी निवासी केतारनाथ वर्मा बताते हैं कि मेले की शुरुआती समय में महीने भर में ₹11 का चंदा वसूला जाता था। केदारनाथ वर्मा के भाई व मेला प्रबंधक गोकरण नाथ वर्मा सहयोगियों सहित मेला में अपना फर्ज निभाते आ रहे हैं। इन दिनों राम लखन गुप्ता मेला अध्यक्ष , कुलदीप पांडे अमित मिश्रा अनिल कश्यप चंद्रमणि कांत सिंह बजरंग व मेला कमेटी के अन्य सदस्य मेला आयोजन में अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। इस बार भी रामबाग धाम में दशहरे मेले का आयोजन 13 अक्टूबर से लेकर 18 अक्टूबर तक का आयोजन चलेगा जिसमें रोजाना विभिन्न प्रकार के कलाकारों के द्वारा प्रस्तुति दिखाई जाएगी ।