कीव । रूस के साथ बढ़ते तनाव के बीच बुधवार को यूक्रेन ने देश में 30 दिन का आपातकाल लगाने की घोषणा कर दी। यूक्रेन की सुरक्षा परिषद ने कहा कि आपातकाल को आगे बढ़ाया भी जा सकता है। ये आदेश यूक्रेन के अशांत क्षेत्र दोनेत्सक और लुहांस्क पर लागू नहीं होगा। रूस-यूक्रेन के बीच तनाव गंभीर होता जा रहा है। रूस पीछे हटने को तैयार नहीं है और उसने सैन्य तैयारियों को बढ़ा दिया है। संभावित खतरे की आशंका को देखते हुए बुधवार को यूक्रेन की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने 30 तीन का आपातकाल लगाए जाने की घोषणा कर दी। परिषद ने कहा कि अगर स्थिति ठीक नहीं रहती तो इसे आगे भी बढ़ाया जा सकता है। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सचिव ओलेक्सी डैनिलोव ने कहा कि रूस का मकसद यूक्रेन को अस्थिर करना है और ऐसा होने से रोकने के लिए हमने आपातकाल लगाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि देश के अलग-अलग हिस्सों में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए हल्के उपाय किए जा सकते हैं। वहीं डैनिलोव ने कहा कि हमारा देश शांति बनाए रखने के लिए किए जा रहे उपायों और अर्थव्यवस्था पर काम करना जारी रखेगा। सुरक्षा परिषद सचिव ओलेक्सी डैनिलोव ने कहा कि विद्रोहियो के कब्जे वाले दोनेत्सक और लुहांस्क क्षेत्र में आपातकाल का आदेश लागू नहीं होगा। यूक्रेन ने अपने नागरिकों को रूस छोड़ने को कहा: बढ़ते तनाव के बीच बुधवार को यूक्रेन की सरकार ने अपने नागरिकों को रूस छोड़ने के लिए कहा। रूस द्वारा यूक्रेन के दो अशांत क्षेत्रों को अलग देश की मान्यता देने के बाद स्थिति धीरे-धीरे गंभीर होने लगी है। कई देशों ने रूस पर प्रतिबंध भी लगा दिए हैं। खतरे को देखते हुए यूक्रेन ने अपने नागरिकों को रूस छोड़ने के लिए कहा है। इसके साथ ही यूक्रेन सरकार ने अपने नागरिकों को रूस की यात्रा नहीं करने का निर्देश दिया है। यूक्रेन सरकार के इस कदम का असर उन लाखों यूक्रेन वासियों पर पड़ेगा जो इस समय रूस में रह रहे हैं।