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डिब्बा बंद खाद्य पदार्थ स्वास्थ्य के लिए हानिकारक

       डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ सरल और जल्दी इस्तेमाल में लाया जाने वाला खाना है। कई बार इस तरह के खाद्य पदार्थों को बहुत अच्छी तरह से पकाया जाता है, जिससे खाने की गुणवत्ता बनी रहती है। फ्रोजन फूड जैसे कि फल और सब्जियां ताजे फल और सब्जी जितना ही पोषण लिए होती हैं। पहले से तैयार और रेडी टू ईट फूड को तैयार करने में समय कम लगता है। पैक्ड फूड में कई बार विटामिन और फाइबर की अतिरिक्त मात्रा होती है।
बहुत ज्यादा केमिकल इस्तेमाल होने की वजह से ऐसे खाद्य पदार्थ सेहत के लिए नुकसानदेह और कैंसर कारक भी होते हैं। कई तरह के पैक्ड फूड जैसे सब्जियां और सूप में सोडियम की मात्रा बहुत अधिक होती है। बहुत सारी दिखावटी सामग्री का उपयोग होता है। फ्रेश न होने के कारण ऐसे खाद्य पदार्थों में पोषक तत्वों की कमी होती है। पैक्ड फूड में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा बहुत ज्यादा होती है।
डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों का अत्यधिक स्वास्थ्य की दृष्टि से उचित नहीं है क्योंकि प्रतियोगिता के युग में प्रत्येक निर्माता अपने उत्पाद को अत्यन्त आकर्षक रूप से अधिक समय तक चलने वाले और पौष्टिक तत्वों से भरपूर बताता है ताकि अधिक से अधिक ग्राहक उसके उत्पाद को खरीदें। लाभार्जन की उद्देश्य पूर्ति के लिये इन उत्पादों में विभिन्न प्रिजर्वेटिव्स, एडीटिव्स व रंग आदि मिलाए जाते हैं। इसके लिए भी नियम निर्धारित हैं कि इन पदार्थों की कितनी मात्रा वे अपने उत्पाद में मिला सकते हैं परन्तु इन नियमों की अवहेलना करते हुए ज्यादा मात्रा में प्रिजर्वेटिव्स डाल दिये जाते हैं। इस प्रकार के खाद्य पदार्थों के सेवन से कोलोन कैंसर हो सकता है। प्रोसेस्ड फूड को शोधित करते समय लेड एसीटेट का प्रयोग किया जाता है जिससे हृदय रोग का खतरा मंडराता रहता है।
इनमें प्रयुक्त हाइड्रोजन युक्त तेल भी इसका एक प्रमुख कारण है। कई परिरक्षित खाद्य पदार्थ जैसे मटर, जैम, स्ट्राबेरी आदि मूल स्वरूप में ही पैक किए जाएं तो बदरंग दिखते हैं, अत: भरपूर सिंथेटिक रंगों का प्रयोग किया जाता है जो स्वास्थ्य का शत्रु हैं। पीला रंग टेट्राजीन युक्त, प्रोसेस्ड फूड जैसे आरेन्ज स्कवैश आदि तथा प्रिजर्वेटिव्स सल्फर डाईऑक्साइड, अस्थमा, एक्जिमा अन्य त्वचा रोगों तथा बच्चों में हाइपरएक्टिविटी का कारण बनते हैं। अचार, आलू, चिप्स, नमकीन, सास आदि में नमक की मात्रा बहुत ज्यादा होती है जिससे ब्लड प्रेशर की अधिक संभावना रहती है।
मीठे पदार्थों जैसे केक, बिस्कुट, पेस्ट्री, आइसक्रीम चीज आदि में शर्करा तथा वसा की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। इनसे मिलने वाली ऊर्जा शरीर के लिए आवश्यक ऊर्जा से ज्यादा होती है, अत: लंच बॉक्स में डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों के स्थान पर घर में बने परांठे, आमलेट, भरवां परांठा, अंडा परांठा, पोहा, पुलाव आदि ले जाना बेहतर है। इन के सेवन से जहां आपको पौष्टिक तत्व प्राप्त होंगे, वहीं आप बहुत सी बीमारियों से दूर रहेंगे।

डॉ निरूपमा वर्मा,वर्मा नगर , एटा -उत्तर प्रदेश

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