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उत्तर प्रदेश विधान परिषद चुनाव: रालोद-सपा गठबंधन ने सुनील रोहटा को किया प्रत्याशी घोषित किया

मेरठ, । उत्तर प्रदेश विधान परिषद के चुनाव के लिए राष्ट्रीय लोक दल (रालोद)-समाजवादी पार्टी (सपा) गठबंधन ने सोमवार को मेरठ-गाजियाबाद स्थानीय प्राधिकरण निर्वाचन क्षेत्र से सुनील रोहटा को प्रत्याशी घोषित किया। रालोद के मेरठ से निवर्तमान जिलाध्यक्ष मतलूब गौड़ ने यह जानकारी दी। गौड़ के अनुसार रोहटा सोमवार को अपना नामांकन दाखिल करेंगे। जाट समुदाय के रोहटा रालोद के प्रदेश मीडिया संयोजक रह चुके हैं। मेरठ की सिवालखास सीट से भी सुनील रोहटा प्रबल दावेदार थे। लेकिन, गठबंधन में यह सीट सपा के खाते में चली गई थी। ऐसे में सुनील रोहटा को विधान पार्षद (एमएलसी) का टिकट देकर रालोद ने जाटों को संतुष्ट करने की कोशिश की है। सपा-रालोद गठबंधन का प्रदर्शन विधानसभा चुनाव में पश्चिम उत्तर प्रदेश में खासकर जाट बाहुल्य इलाकों में अच्छा रहा है। मेरठ में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मुकाबले सपा-रालोद गठबंधन ने चार सीटें हासिल की हैं, जबकि भाजपा को तीन सीटें मिली हैं। वहीं, सपा को छोड़कर भाजपा में शामिल हुए एमएलसी नरेंद्र भाटी ने सोमवार को जनपद बुलंदशहर पहुंचकर रााज्य विधान परिषद की बुलंदशहर-गौतमबुद्ध नगर सीट से नामांकन दाखिल किया। नामांकन दाखिल करने से पहले वह बुलंदशहर में स्थित भाजपा कार्यालय पहुंचे, उसके बाद नामांकन दाखिल करने के लिए कलेक्ट्रेट के लिए रवाना हुए। इस सीट से सपा- रालोद गठबंधन ने बुलंदशहर के अरनिया की पूर्व ब्लॉक प्रमुख सुनीता शर्मा को अपना एमएलसी प्रत्याशी घोषित किया है। वह भी सोमवार को अपने समर्थकों के साथ बुलंदशहर स्थित कलेक्ट्रेट पहुंचीं तथा अपना नामांकन दाखिल किया। विधान परिषद चुनाव के लिए 15 मार्च से बुलंदशहर में नामांकन की प्रक्रिया चल रही है। नामांकन की अंतिम तिथि 19 मार्च थी, लेकिन इसे बढ़ाकर 21 मार्च कर दिया गया है। ग्रेटर नोएडा के बोड़ाकी निवासी नरेंद्र भाटी ने वर्ष 1975 में 18 वर्ष की उम्र में राजनीति में कदम रखा था। भाटी सिकंदराबाद विधानसभा सीट से तीन बार विधायक रह चुके हैं।

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